रूस ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पहली बार जमीन गंवाई…

नई दिल्ली। रूस ने जंग शुरू होने के बाद से अब तक ढाई साल में यूक्रेन के 1 लाख वर्ग किमी इलाके पर कब्जा किया है। यह यूक्रेन की कुल…

रूस ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पहली बार जमीन गंवाई…

नई दिल्ली। रूस ने जंग शुरू होने के बाद से अब तक ढाई साल में यूक्रेन के 1 लाख वर्ग किमी इलाके पर कब्जा किया है। यह यूक्रेन की कुल जमीन का 18 प्रतिशत है। इसके जवाब में यूक्रेन ने अब पलटवार शुरू किया है और रूस की तुलना में उनके एक फीसदी इलाके पर कब्जा कर लिया है। रूस ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पहली बार जमीन गंवाई है। इससे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बौखला गए है और उन्होंने  यूक्रेन और नाटो को धमकी दी है कि हमारे पास कोई चारा नहीं बचा है। अब दुश्मनों को बर्बाद कर देंगे।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है, कीव शासन और उनके नाटो मास्टर्स ने हमारे देश को आतंकित करने का फैसला किया है। वे हमारे क्षेत्रों में घुस रहे हैं। हमारे नागरिकों को मार रहे हैं। अत्याचार कर रहे हैं। वे सोचते हैं कि इसका कोई जवाब नहीं मिलेगा। हम यह आशा करते हुए लंबे समय लंबे समय से धैर्यवान रहे कि स्थिति सामान्य हो जाएगी, लेकिन कीव और उनके नाटो मास्टर्स ने संघर्ष को चरम पर ले जाने का फैसला किया है। खैर, हम उन्हें जवाब देंगे। हमारे दुश्मन नष्ट हो जाएंगे। दुर्भाग्य से, हमारे पास कोई और विकल्प नहीं है।
जेलेंस्की ने दिया शांति समझौता का ऑफर
पुतिन की चेतावनी से पहले उधर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि वो कुस्र्क इलाके में हमला बंद कर देंगे। साथ ही रूस के अन्य शहरों की तरफ बढऩा भी बंद कर देंगे। जिसमें मॉस्को भी शामिल है। लेकिन पुतिन को हमारे साथ शांति समझौता करना होगा। साथ ही हमारे जितने भी विवादित क्षेत्र हैं, वो वापस करने होंगे। जिसमें क्रीमिया भी शामिल हैं। जेलेंस्की का मानना है कि इस शांति समझौते से मामला हल हो जाएगा। इस बीच रूस ने नाटो और यूक्रेन से कब्जा किए गए टैंक्स और बख्तरबंद वाहनों की प्रदर्शनी लगाई है। ये प्रदर्शनी मॉस्को आर्मी 2024 इंटरनेशनल एक्सपो में लगाई गई है। उधर, व्हाइट हाइस ने यह बात मानी है कि यूक्रेन ने रूस के कुस्र्क इलाके में हमला करने से पहले अमेरिका को नहीं बताया था। यह जानकारी व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी केरीन जीन पियरे ने दी। जबकि रूस का मानना है कि ये अमेरिका और नाटो की साजिश थी।