विदेशी संस्था को अडानी समूह का करारा जवाब, कहा – ‘हमारे वित्तीय लेनदेन खुली किताब, अपनी मुनाफाखोरी के लिए झूठ बोल रहा हिंडेनबर्ग’

गौतम अडानी की कंपनी समूह और हिंडेनबर्ग के बीच एक बार फिर आमने सामने आ गए है। समूह ने अमेरिका स्थित हिंडेनबर्ग रिसर्च द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट को सिरे से नकार…

विदेशी संस्था को अडानी समूह का करारा जवाब, कहा – ‘हमारे वित्तीय लेनदेन खुली किताब, अपनी मुनाफाखोरी के लिए झूठ बोल रहा हिंडेनबर्ग’

गौतम अडानी की कंपनी समूह और हिंडेनबर्ग के बीच एक बार फिर आमने सामने आ गए है। समूह ने अमेरिका स्थित हिंडेनबर्ग रिसर्च द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट को सिरे से नकार दिया है।

बता दें कि हिंडेनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में दावा किया है कि भारतीय नियामक संस्था SEBI की अध्यक्ष माधवी पुरी और उनके पति धवल बुच के गौतम अडानी से संबंध हैं, जिस कारण एजेंसी ने अडानी समूह पर कार्रवाई नहीं की। साथ ही मॉरीशस और बरमूडा स्थित कंपनियों में अडानी का निवेश होने का दावा किया गया और आरोप लगाया गया कि बुच दंपति के उन कंपनियों से संबंध हैं। कंपनी समूह ने खुद को पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्ध बताते हुए कहा कि सारे नियम-कानूनों का पालन किया गया है।

इस मामले में अडानी समूह ने बयान जारी कर इन आरोपों को दुर्भावनापूर्ण, शरारतपूर्ण और भ्रम फैलाने वाला बताया है। स्टॉक एक्सचेंजों के लिए जारी किए गए बयान में अडानी समूह ने कहा है कि विदेश में इसके जितने भी निवेश हैं, वो सभी पूर्णतः पारदर्शी हैं।

बता दें कि, अडानी समूह पोर्ट से लेकर पॉवर तक में डीलिंग करता है। उसने कहा है कि हिंडेनबर्ग ने पुराने आरोपों को ही रिसाइकल कर के फिर से जारी कर दिया है, जबकि उन आरोपों को लेकर अच्छी-खासी जाँच हो चुकी है और मार्च 2023 में ही सुप्रीम कोर्ट इन्हें नकार चुका है।

अडानी समूह ने कहा है कि जो सूचनाएँ पहले से ही सार्वजनिक हैं, उन्हें ही इकट्ठा कर के पहले से तय निष्कर्ष पर पहुँचने की कोशिश की गई है। बयान में कहा गया है कि तथ्यों एवं कानून की अवहेलना करते हुए व्यक्तिगत मुनाफाखोरी के लिए ये सब किया गया है। अडानी समूह ने इन आरोपों को पूर्णतया नकारते हुए कहा कि जनवरी 2024 में भी सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें आधारहीन पाया था। अडानी समूह ने कहा कि विदेश में उसकी संरचनाओं के संबंध में कई सार्वजनिक दस्तावेजों में पूरी जानकारी दी गई है।

गौरतलब है कि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले कंपनी समूह ने कहा कि अनिल आहूजा अडानी पॉवर में 2007-2008 के दौरान 3i इन्वेस्टमेंट फंड के नॉमिनी डायरेक्टर थे, उसके बाद 2017 तक अडानी एंटरप्राइजेज के डायरेक्टर रहे। हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट को अपनी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने के लिए जानबूझकर किए गए कुत्सित प्रयास बताते हुए अडानी समूह ने कहा कि इसमें उल्लेखित व्यक्तियों या मामलों से उसका कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है। अडानी समूह ने कहा कि हमारे वित्तीय लेनदेन खुली किताब की तरह हैं, सेबी को सारी जानकारी दी जाती है।