जिन इस्लामवादियों के लिए मुझे देश से निकाला… तसलीमा नसरीन ने शेख हसीना को याद दिलाया 1999…

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं। खबरें हैं कि उन्हें शरण के लिए ब्रिटेन से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। इसी बीच मशहूर लेखिका तसलीमा…

जिन इस्लामवादियों के लिए मुझे देश से निकाला… तसलीमा नसरीन ने शेख हसीना को याद दिलाया 1999…

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं। खबरें हैं कि उन्हें शरण के लिए ब्रिटेन से हरी झंडी मिलने का इंतजार है।

इसी बीच मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने भी इस घटना को लेकर 25 साल पुरानी घटना याद की है। उनका कहना है कि जिन लोगों के लिए ‘मुझे मेरे देश से निकाला गया’, आज उन लोगों ने ही आपको देश छोड़कर जाने के लिए मजबूर कर दिया।

लेखिका नसरीन ने लिखा, ‘जिन इस्लामवादियों को खुश करने के लिए हसीना ने मुझे मेरे ही देश से साल 1999 में बाहर फेंका था, जब अपनी मां को मृत्युशैय्या पर देखने गई थी और दोबारा मुझे देश में नहीं आने दिया गया।

वो इस्लामवादी ही छात्र आंदोलन में हैं, जिन्होंने आज हसीना को देश छोड़कर जाने के लिए मजबूर कर दिया।’

कहां हैं शेख हसीना

पीटीआई भाषा के अनुसार, बांग्लादेश में सरकार विरोधी व्यापक प्रदर्शनों के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने वाली शेख हसीना का विमान लंदन जाने की उनकी योजना के तहत गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर उतरा। राजनयिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि हसीना बांग्लादेश वायुसेना के एक सी-130 जे सैन्य परिवहन विमान से भारत पहुंचीं। हसीना के विमान के एयरबेस पर उतरने के कुछ समय बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने उनसे मुलाकात की।

अब ये संभाल सकते हैं बांग्लादेश की कमान

खालिदा जिया: जिया 1991 में बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत उनके पति जियाउर रहमान की हत्या के बाद हुई, जो 1977 से 1981 तक बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे और उन्होंने 1978 में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना की थी।

जिया को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा और वे अक्सर चिकित्सा देखभाल के लिए विदेश यात्रा करती रही हैं।

2018 में उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में जेल में डाल दिया गया था, जिसके बारे में उनका दावा था कि यह राजनीति से प्रेरित था।

स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण उन्हें 2020 में छह माह के लिए जेल से रिहा कर दिया गया था। उन्होंने 2001 से 2006 तक प्रधानमंत्री के रूप में भी कार्य किया। आज फिर उन्हें जेल से रिहा करने के राष्ट्रपति ने आदेश दिए हैं।

शफीकुर रहमान: एक राजनीतिज्ञ और चिकित्सक, रहमान वर्तमान में बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के अमीर (प्रमुख) के रूप में कार्य करते हैं।

उन्होंने अक्टूबर 2016 से नवंबर 2019 तक पार्टी के महासचिव का पद संभाला और 12 नवंबर, 2019 को उन्हें अमीर नियुक्त किया गया।

कार्यवाहक महासचिव बनने से पहले, वे जमात-ए-इस्लामी सिलहट शहर शाखा के नेता थे। जमात-ए-इस्लामी को इसके छात्र विंग और अन्य संबद्ध समूहों के साथ हाल ही में एक राष्ट्रव्यापी कार्रवाई के दौरान उग्रवादी और आतंकवादी घोषित किया गया था।

जीएम कादर: जातीय पार्टी के अध्यक्ष, कादर ने बांग्लादेश में छात्रों की एकमात्र मांग के लिए अपनी पार्टी के पूर्ण समर्थन का वादा किया है।

वह वर्तमान में बांग्लादेश की संसद में विपक्ष के नेता हैं। उन्होंने पहले 2009 से 2014 तक वाणिज्य मंत्री, नागरिक उड्डयन और पर्यटन मंत्री के पद संभाले हैं।

तारिक रहमान: एक प्रमुख बांग्लादेशी राजनेता और व्यवसायी, रहमान बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यवाहक अध्यक्ष हैं।

वह पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान और दो बार की प्रधान मंत्री खालिदा जिया के सबसे बड़े बेटे हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कम उम्र में की और 2000 के दशक की शुरुआत में अपनी मां के प्रधानमंत्री रहने के दौरान बीएनपी के भीतर महत्वपूर्ण प्रभाव प्राप्त किया।

तारिक रहमान बांग्लादेशी राजनीति में एक विवादास्पद व्यक्ति बने हुए हैं, जिन पर अक्सर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोप लगते रहते हैं।

साजिब वाजेद: शेख हसीना के सबसे बड़े बेटे, जिन्होंने विदेश से अपने प्रशासन का समर्थन किया है। एक डिजिटल सलाहकार के रूप में, उन्होंने देश में इंटरनेट सेवाओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

हालांकि जॉय अक्सर अपनी मां के साथ अवामी लीग के अभियान सामग्री में दिखाई देते हैं।

The post जिन इस्लामवादियों के लिए मुझे देश से निकाला… तसलीमा नसरीन ने शेख हसीना को याद दिलाया 1999… appeared first on .