ताजा हिंसा में 32 लोगों की मौत के बाद बांग्लादेश में कर्फ्यू की घोषणा, मोबाइल इंटरनेट सेवाएं ठप

ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच रविवार को हुई…

ताजा हिंसा में 32 लोगों की मौत के बाद बांग्लादेश में कर्फ्यू की घोषणा, मोबाइल इंटरनेट सेवाएं ठप

ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच रविवार को हुई झड़प में कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों और अवामी लीग के समर्थकों के बीच मुंशीगंज में हुई झड़प में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हुए हैं। खबर में हालांकि, मृतकों की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है।

प्रदर्शनकारियों ने की PM शेख हसीना के इस्तीफे की मांग


प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की और आरक्षण में सुधार को लेकर हाल में हुए विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए। प्रदर्शनकारी असहयोग आंदोलन के पहले दिन राजधानी के साइंस लैब चौराहे पर भी एकत्र हुए और उन्होंने सरकार विरोधी नारे लगाए।रकार के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी एक ‘असहयोग कार्यक्रम’ में भाग लेने पहुंचे। अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया और फिर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई।

बांग्लादेश में प्रदर्शन के बीच 200 लोगों की मौत

आपको बता दें कि बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है और इसमें 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका की प्रमुख सड़कों की घेराबंदी कर दी। आपको बता दें कि बांग्लादेश में हाल ही में पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिसंक झड़पें हुईं हैं। दरअसल, प्रदर्शनकारी छात्र विवादित आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। इसके तहत बांग्लादेश के लिए वर्ष 1971 में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्रामियों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित की गईं हैं। 

छात्रों ने बातचीत से किया इनकार

इससे पहले शनिवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अलग-अलग विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से मुलाकात की थी। दरअसल, शेख हसीना ने प्रदर्शनकारी छात्रों को बातचीत के लिए अपने निजी आवास में बुलाया था। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने पीएम से किसी भी तरह की बातचीत करने से इनकार कर दिया था। छात्रों ने शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की है।