इजराइल से सीधी जंग में ईरान का साथ देने को तैयार सारे विरोधी
तेहरान । हमास चीफ इस्माइल हानिया ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने तेहरान पहुंचे थे। इसके अगले ही दिन हानिया को हवाई हमले…
तेहरान । हमास चीफ इस्माइल हानिया ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने तेहरान पहुंचे थे। इसके अगले ही दिन हानिया को हवाई हमले में मार गिराया गया। हानिया की मौत से ईरान तिलमिलाया हुआ है। सुप्रीम लीडर खामेनेई ने ईरानी सेना को इजरायल पर सीधे हमले का आदेश भी दे दिया है। लेकिन इजरायल पर हमले में ईरान अकेला नहीं होगा। उसके सहयोगी देश इस जंग में उसका साथ दे सकते हैं।
ईरान के पास दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में से एक इस्लामिक गार्ड कॉर्प्स है। इसके अलावा ईरान को फिलिस्तीन में हमास, लेबनान में हिज्बुल्लाह और यमन में हूती का समर्थन है। इजरायल पर ईरान के हमले में तेहरान के कई सहयोगी देश उसका साथ दे सकते हैं।
इजरायल की सीमा मिस्र, जॉर्डन, सीरिया, लेबनान, वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी से लगती है। इसमें से मिस्र और जॉर्डन को छोड़कर इजरायल कई ईरान समर्थित देशों से घिरा है। मध्यपूर्व में इसतरह के कई हथियारबंद ग्रुप हैं, जिनका ईरान से करीबी संबंध है। इसमें गाजा पट्टी में हमास, लेबनान में हिज़्बुल्लाह और यमन में हूती विद्रोही हैं। कई देशों में ईरान के सैन्यअड्डे भी हैं। कहा जा रहा है कि इजरायल पर ईरान के हमले में ये देश भी शामिल हो सकते हैं।
इजरायल के खिलाफ ईरान के इस ऐलान-ए-जंग में सबसे पहाल नाम लेबनान का है। लेबनानी ग्रुप हिज्बुल्लाह की फंडिंग ईरान करता है और ईरान ही इस ग्रुप के सदस्यों को प्रशिक्षित भी करता है। अक्तूबर 2023 में इजरायल पर हमास के हमले के बाद से हिज्बुल्लाह लगातार उसके पाले में खड़ा है। ईरान और उसका साथी हिज्बुल्लाह हमास के आतंकियों को प्रशिक्षिण भी देता है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि इजरायल के खिलाफ जंग में लेबनान पीछे हटने वाला नहीं है।
यमन में सक्रिय हुती विद्रोहियों को भी ईरान का कट्टर समर्थक माना जाता है। हुती विद्रोही लाल सागर में सक्रिय हैं। यमन में ईरान के लड़ाकों की आवाजाही किसी से छिपी नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, यमन में ईरानी लड़ाकों के अड्डे भी हैं, जहां से जरूरत पड़ने पर तेहरान इजरायल पर हमला कर सकता है। सीरिया में ईरान की सीधी मौजूदगी है। कई शिया समूहों में ईरान का अच्छा-खासा प्रभाव है। बीते अप्रैल महीने में दमिश्क में ईरान के दूतावास पर हमले के बाद ईरान ने इजरायल पर सीधा हमला किया था।
वहीं, इजरायली सेना की ओर से भी जवाब आया है। इजरायली एयरफोर्स ने कहा कि एयर फोर्स युद्ध के हर क्षेत्र में देश की रक्षा और हमला करता है। हम किसी भी परिस्थिति में मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं।