सारंगपुर में झोलाछाप डाक्टरों पर राजस्व और स्वास्थ विभाग की संयुक्त टीम ने कार्यवाही

सारंगपुर ।   सारंगपुर में झोलाछाप डाक्टरों पर राजस्व और स्वास्थ विभाग की संयुक्त टीम ने कार्यवाही करते  हुए दो क्लीनिक किए सील। कार्यवाही की भनक लगते ही शटर बंद कर सरपट…

सारंगपुर में झोलाछाप डाक्टरों पर राजस्व और स्वास्थ विभाग की संयुक्त टीम ने कार्यवाही

सारंगपुर ।   सारंगपुर में झोलाछाप डाक्टरों पर राजस्व और स्वास्थ विभाग की संयुक्त टीम ने कार्यवाही करते  हुए दो क्लीनिक किए सील। कार्यवाही की भनक लगते ही शटर बंद कर सरपट भागते दिखे फर्जी डॉक्टर।

बिना डिग्री चल रही लैब पर लोगों ने उठाए सवाल।

सारंगपुर शहर में बगैर लाइसेंस फर्जी दवाखाने संचालित करने वाले तथाकथित डॉक्टरों पर नकेल कसने के लिए मंगलवार को एसडीएम संजय उपाध्याय द्वारा स्वास्थ विभाग व राजस्व विभाग की गठित टीम द्वारा निरीक्षण किया गया, अनुविभागीय अधिकारी द्वारा बनाए गए दल में सिविल अस्पताल अधीक्षक डॉ मनीष चौहान व नायब तहसीलदार गोपाल चौहान,  पटवारी आशीष पांडे के विशेष दल के साथ शहर में छापेमारी कार्यवाही की गई । इस दौरान जैसे ही टीम बाजार में गांधी चौक पहुंची जिसकी जानकारी लगते ही कुछ फर्जी डॉक्टर अपनी  अपनी दुकानों के शटर लगाकर मौके से भाग गए। टीम ने जांच के दौरान अवैध रूप से संचालित दो दवाखानों को सील कर दिया है। वही कुछ दवाखाना संचालकों को नोटिस जारी कर दस्तावेज मांगे गए हैं। एसडीएम उपाध्याय के अनुसार जिन डॉक्टरों के दवाखाने सिल किए गए है, उनके दस्तावेज नहीं देने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी। लोगों का कहना है की शहर में झोलाछापों की तरह ही फर्जी लेब व बिना डिग्री मेडिकल स्टोर संचालकों की भरमार है। जो बिना किसी डर के अपनी अपनी दुकानों का संचालन कर रहे है।

दवाइयों का होता है थोक करोबार

सूत्रों की माने तो शहर के अनेक स्थानों से दवाई का थोक एवं खैरची करोबार होता है, जिसके चलते क्षेत्र के झोलाछाप डॉक्टरों के यहां से बड़ी मात्रा में मेडिसिन सप्लाई भी की जाती है। इसके साथ ही उज्जैन, इंदौर से भी बड़ी मात्रा में दवाईयां यहा आती है।

जांची जाना चाहिए योग्यता :

वेसे देखने में आता है कि यहां के अनेक मेडिकल स्टोर्स और डीलर के रूप में दवाई का व्यापार करने वालो की योग्यताओं पर भी प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है। कई दुकानें तो दादा, परदादा के लायसेस पर चल रही है। तो कई एक रजिस्ट्रेशन पर तीन तीन प्रतिष्ठान अलग अलग स्थानों पर खोले जाकर धडल्ले से नौकरो के बलबुते चल रहे है। इतना ही नहीं कई रजिस्ट्रेशन किराए पर लेकर मेडिकल स्टोर्स का संचालन खुलेआम हो रहा है। 

पैथालॉजी लैब संचालकों के दस्तावेजों की नहीं होती है जांच :

लोगों का कहना है की नगर में अवैध रूप से संचालित पैथालॉजी लेब व जांच करने वाले की डीग्री की सिविल अधीक्षक, बीएमओ द्वारा अटेन्टेड पत्र की भी जांच होनी चाहिए, जिससे अप्रशिक्षित इस तरह की दुकाने खोलकर मरीजों के भविष्य व जान से खिलवाड़ नहीं कर सकें। फिलहाल तो फर्जी तरीके से चल रही लेबो पर फर्जी टेक्निीशियन बनकर लोगों से जांच के नाम पर मनमानी राशि वसूली जा रही है सारंगपुर, पढाना में अवैध रूप से लेब संचालित कर मरिजों की बिमारियों की जांच कर मनमानी राशि वसूल ने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। बता दे की मरीजों को सारंगपुर, शाजापुर, इंदौर उज्जैन के कमीशनधारी विशेषज्ञ डाक्टरों एवं लेब संचालकों के यहां फोन पर बुकिंग कर मरीज भेजे जाते है। इन फर्जी लैब संचालकों व झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों के परिजनों से जांच के नाम से ली गई भारी राशि में से कमीशन वसूलने का खेल खेला जाता है।

क्या कहना है इनका

शासन के आदेश पर एसडीएम सारंगपुर द्वारा गठित टीम ने सोमवार को सारंगपुर में झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही करते हुए दो क्लीनिक को सील किया गया है।कुछ को नोटिस जारी किए गए है।आगे भी यह कार्यवाही सतत जारी रहेगी।

डॉक्टर मनीष चौहान 
सिविल अस्पताल अधीक्षक सारंगपुर