आवास योजना से बदल रहा है शहरी जीवन

राजनांदगांव । राजनांदगांव निकाय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत ‘‘मोर जमीन मोर मकान के तहत् कुल 7135 आवास पूर्ण हो गये है और 1118 आवास विभिन्न अलग-अलग स्तर पर निर्माणाधीन…

आवास योजना से बदल रहा है शहरी जीवन

राजनांदगांव । राजनांदगांव निकाय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत ‘‘मोर जमीन मोर मकान के तहत् कुल 7135 आवास पूर्ण हो गये है और 1118 आवास विभिन्न अलग-अलग स्तर पर निर्माणाधीन है। आवास योजना के माध्यम से शहर के जरूरतमद एवं गरीब परिवारों के सर पर पक्की छत हो इस पर निरंतर नगर निगम राजनांदगांव का सार्थक प्रयास जारी है। आवास योजना का लाभ देने महापौर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख एवं निगम आयुक्त अभिषेक गुप्ता के मार्गदर्शन में मोर जमीन मोर आवास योजना से जूडे सभी वास्तुविद एवं इंजीनियरों के द्वारा नगर में अच्छे एवं सुंदर आवास निर्माण के लिये हितग्राहियों को सलाह दी जा रही है, सलाह अनुसार आवास का निर्माण किया जा रहा है। अच्छे और सुंदर सर्वसुविधा युक्त आवास का निर्माण करने वाले हितग्राहियों को समय समय पर शासन द्वार प्रोत्साहित भी किया जाता रहा है।
नगर निगम राजनांदगांव क्षेत्रांतर्गत आवास का सपना साकार करने वाले हितग्राहियों में राजनांदगांव निकाय क्षेत्र की एक संघर्षशील महिला श्रीमती प्रेमा सोनकर अपने दो बच्चे स्वयं और वेदिका के साथ आज वार्ड क्रमांक एक में रहती है पति से विवाह विच्छेद होने के बाद से प्रेमा एकाकी जीवन जीते हुए अपनी आजीविका चलाने के लिए नगर पालिक निगम में स्वच्छता दीदी के रूप में अपनी सेवाएं दे रही है। श्रीमती प्रेमा स्वच्छता दीदी के रूप में काम करते हुए थोड़े-थोड़े पैसे एकत्रित करके उन पैसों से एक छोटी सी जमीन खरीदी उसी जमीन पर प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक ““मोर जमीन मोर मकान““ बी.एल.सी. के तहत अपने आशियाने को बनाया और सजाया भी। प्रेमा बताती है जब वह किराए के घर में रहती थी तो उसे सदा किराए के घर को खाली करने, समय पर किराया न देने पर मकान मालिक की धमकी का भय सदा बना रहता था। एक किस्सा साझा करते हुए प्रेमा बताती है जब मेरा एक पैर टूट गया था मैं 3 महीने तक बिस्तर पर थी उसी दौरान मकान मालिक ने जिस प्रकार मेरी गरीबी का मखौल उड़ाया था उस घटना को याद कर आज भी मेरी आंख में आशु ला देता है। उसी दिन मैंने सोचा था कि अब मैं किराए के घर में नहीं रहूंगी जो भी हो मैं अपना स्वयं का घर बनाऊंगी प्रेमा अपनी सोच को साकार करने के लिए कुछ वर्षों बाद जमीन खरीद कर अपने नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवेदन किया, आवास की स्वीकृति आने पर प्रेमा ने थोड़े बहुत पैसे कहीं से उधार लेकर उस राशि को अंशदान के रूप में आवास निर्माण के समय लगा कर आज एक सुन्दर सुविधायुक्त अच्छा आवास का निर्माण करवाया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना एक आवास योजना ही नहीं यह दिल की ख्वाहिश को पूरा करने की कुंजी है आज प्रेमा टाइल्स लगे सुंदर व्यवस्थित किचन वाले घर में रहते हुए अपने दोनों बच्चों के भविष्य को संवारने की बात कहती है, रोटी कपड़ा और मकान तीनों मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए शासन ने सहयोग किया है, स्वच्छता योजना से रोजगार, शासन की उज्ज्वला योजना के माध्यम से रसोई गैस,नल-जल योजना से स्वच्छ पेयजल और शासन की खाद्यान योजना के द्वारा रसोई का सामान मिलना इन सभी योजनाओं का लाभ लेकर प्रशासन को कोटिस धन्यवाद करती है।
राजनांदगांव के वार्ड क्रमांक 14 गौरी नगर क्षेत्र में रहने वाली श्रीमति ममता यादव एक गृहणी है एवं इनके पति मनीष यादव एक मेडिसन फर्मा कंपनी में एक विपन्न सलाहकार (एम.आर.) के रूप में कार्यरत है। श्रीमति ममता बताती है, कि उनका छोटा सा घर था मात्र एक कमरे का उसी कमरे में खाना भी बनाती थी और उसी कमरे में अपने दैनिक काम के साथ सामान को हटाकर पूरा परिवार सोता था, उस पर आफत बारिश का दिन हो तो बच्चो को गोद में लिए पूरी रात काटनी पड़ती थी।
ममता यादव बताते है, हमारे पास इतने पैसे नही थे कि अपना  अलग घर बना सके सयुंक्त परिवार में छोटे से कमरे में  अपने दिनचर्या को निभाना पडता था। छोटी-छोटी बचत कर के एक छोटी सी जमीन का टुकडा हमने खरीदा उसी स्थान पर उपने आसियाने के सपनो को सजाने लगे पर आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नही थी कि स्व्यं से आवास निर्माण के लिए तैयार हो सके। सबके आवास बनते देख प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में जानकारी लेकर आवास बनाने के लिए अपने सम्पूर्ण दस्तावेज जमा कर स्वीकृति का इंतजार करने लगे और कुछ दिनो बाद मेरी प्रार्थना स्वीकार हुई।
 प्रधानमंत्री आवास योजना के द्वारा आवास की स्वीकृति प्राप्त होने से मन मेे एक विश्वास जागा हमने अपने पुराने घर को तोड़कर नया आवास बनाने का कार्य प्रारंभ किया, प्रधानमंत्री आवास योजना की तकनीकी जानकारी प्रदान करने के नगर निगम से साथ -साथ जल्दी-जल्दी आवास के स्तर निर्माण अनुसार भुगतान मिलता गया, और आज मेरा सपना मेरे पक्के घर के रूप में मेरे साथ खड़ा है। ममता यादव बताती है, पुराने कच्चे घर मे रोज एक मरम्मत का काम लगा रहता था जिससे पूरा समय घर कि देख -भाल में लग जाता था, पर अब जा समय बचता  उस समय में सिलाई का काम करती है, मेरी तीन बेटिया है अब बच्चो को भी ध्यान दे पाती हूूं, बच्चे पढ़ लिखकर अफसर बने ये मन में एक आस बनी है। मुझ जैसे जरूरमंद परिवार केा आवास प्रदान करने के लिए मैं और मेरा परिवार शासन नगर निगम को कोटिश धन्यवाद देते है।
महापौर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख ने योजना के संबंध में कहा कि मोर जमीन मोर मकान योजना का नगर निगम द्वारा सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है,जिसके माध्यम से हितग्राही अपने आशियानें को सजाकर स्वयं के आवास का सपना साकार कर रहे हे। निगम आयुक्त श्री अभिषेक गुप्ता के कहा कि शासन के सहयोग से गरीब एवं जरूरतमंद परिवार जो वर्षो से अपने कच्चे घरो में मौसम की मार को सहते हुए मरम्मत कराकर उन्हें रहना पड़ता था ऐसे परिवारो को एक मजबूत सर्वसुविधायुक्त आवास निर्माण करने में स्तरबद्ध भुगतान सीधे हितग्राहियों के खाते में कर के मानव जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में सहयोग प्रदान किया है।