भोपाल नगर निगम के सरकारी ऑफिसों और निजी संस्थाओं में करोड़ों रुपए बाकी

भोपाल। भोपाल नगर निगम में नेशनल लोक अदालत की तर्ज पर संपत्तिकर, जलकर एवं अन्य करों को शिविर लगा का आम आदमी से टैक्स वसूल रही है, वहीं राजधानी में…

भोपाल नगर निगम के सरकारी ऑफिसों और निजी संस्थाओं में करोड़ों रुपए बाकी

भोपाल। भोपाल नगर निगम में नेशनल लोक अदालत की तर्ज पर संपत्तिकर, जलकर एवं अन्य करों को शिविर लगा का आम आदमी से टैक्स वसूल रही है, वहीं राजधानी में सरकारी विभागों के अलावा करीब 200 निजी संस्थाओं पर नगर निगम के करोड़ों रुपए बकाया हैं। जिनको वसूलने में नगर निगम के अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं।

90 करोड़ टैक्स कोर्ट से स्टे के चलते फंसा


निगम अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार निगम का करीब 90 करोड़ राजस्व तो सिर्फ इसलिए वसूला नहीं जा रहा, क्योकि इन मामलों में कोर्ट से लोगों को स्टे मिला हुआ है। निगम के विधि विभाग की टीम कोर्ट में स्टे हटवाने में सफल नहीं हो पा रही है। जिससे निगम को आर्थिक नुकसान तो हो ही रहा है, बल्कि अपने दैनिक खर्चे चलाने के लिए बैंकों से भी कर्ज लेना पड़ रहा है। आम जनता पर दो.तीन लाख रुपए बकाया होने पर भी कुर्की की तैयारी की जा रही है। इनमें चूनाभट्टी इलाके में दो संस्थान हैं। आयुक्त हरेंद्र नारायण के अनुसार वसूली अभी तेजी से शुरू कर दिया गया है।

नेशनल लोक अदालत की तर्ज पर लगा रहे शिविर


 नेशनल लोक अदालत की तर्ज पर भोपाल नगर निगम करों पर अधिभार में छूट का लाभ देने हर शनिवार को शिविर का आयोजन शुरू किया है। पिछले शनिवार को करदाताओं ने इसका लाभ भी उठाया। इस दौरान करदाताओं ने 13 करोड़ 13 लाख से अधिक की राशि जमा कराई। मप्र शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के द्वारा संपत्तिकर, जलकर एवं उपभोक्ता प्रभार के मदों में अधिभार में दी जा रही छूट के तहत यह शिविर लगाए जा रहे हैं। नगर निगम के वार्ड एवं जोन कार्यालय तथा आयोजित शिविरों में  संपत्तिकर एवं जल उपभोक्ता प्रभार सहित अन्य प्रकरणों में अधिभार में दी जा रही छूट का लाभ लेकर निराकृत कराया।भोपाल नगर निगम राजस्व वसूली के लिए लोक अदालत से लेकर संपत्ति कुर्की तक की कार्रवाई की जा रही है, लेकिन यह कार्रवाई छोटे बकायादारों तक ही सीमित है। शहर की आम जनता से संपत्तिकर व जलकर समेत अन्य शुल्क मिला लें तो हर शिविर में करीब 12 से 15 करोड़ रुपए की वसूली की जाती है। जबकि निजी कंपनियों और सरकारी विभागों पर 200 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है। बीते वित्तीय वर्ष में पांच लोगों पर करीब 8 लाख रुपये का संपत्तिकर बकाया होने पर उनकी संपत्ति कुभर्क कर दी गई थी। वहीं इस बार भी करीब दस लाख रुपए की वसूली करने के लिए 4 लोगों की संपत्ति कुर्क की जानी है।