आईटी और बीपीओ इंडस्ट्री को होगा बड़ा नुकसान
भोपाल । इंदौर में नाइट कल्टर के दुष्परिणामों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर रात्रिकालीन बाजार एवं व्यवसायिक संस्थानों के संचालन को तुरंत बंद…
भोपाल । इंदौर में नाइट कल्टर के दुष्परिणामों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर रात्रिकालीन बाजार एवं व्यवसायिक संस्थानों के संचालन को तुरंत बंद कर दिया गया है। अब इस विषय में जल्द ही नई व्यवस्था लागू होगी। लेकिन आईटी और बीपीओ इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की मांग है कि नाइट आफिस वर्क को नाइट कल्चर से अलग रखने की मांग की जा रही है। उनका कहना है कि नाइट आफिस वर्क को नाइट कल्चर से मिक्स कर दिया गया। यदि हम नाइट में काम नहीं करेंगे तो आईटी इंडस्ट्री और फॉरेन बेस्ड कंपनियों के लिए तो बड़ा नुकसान होगा। रात में काम करने वाली इन सभी इंडस्ट्री को ट्रांसपोर्ट, खाना पीना, मेडिकल सुविधाएं सभी रात में भी चाहिए। रात में जो पब, बार और नशा करने वालों की वजह से दिक्कत हो रही थी उसका नुकसान नाइट आफिस वर्क को भी झेलना पड़ा। अपराधों पर नियंत्रण करने के साथ उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए भी योजना बनाना चाहिए।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर इंदौर में बाजार और व्यवसायिक संस्थानों के 24 घंटे खुलने पर रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री के रवैये को देखते हुए श्रम विभाग की प्रदेश के आद्यौगिक क्षेत्रों और नगर निगम क्षेत्रों में चौबीस घंटे बाजार खोलने की तैयारियों को बड़ा झटका लगा है। श्रम विभाग ने फिलहाल इस फैसले से अपने हाथ खींचते हुए इस संबंध में तैयार प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। अब गेंद मुख्यमंत्री डॉ. यादव के पाले में हैं, उनकी ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ही श्रम विभाग इस सिलसिले में आगे कोई फैसला लेगा। फिलहाल प्रदेश में दुकानें पूर्व निर्धारित समय के अनुसार सुबह 8 से रात 10 बजे तक खुलेंगी।
24 घंटे बाजार खोलने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में
नाइट कल्चर पर रोक लगाने से फिलहाल बाजार और व्यवसायिक संस्थानों के 24 घंटे खुलने पर रोक लगा दी गई है। इससे 24 घंटे बाजार खोलने का प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में चला गया है। दअरसल, श्रम विभाग ने मप्र दुकाने एवं स्थापना अधिनियम, 1958 के नियम की धारा 6 में संशोधन कर प्रस्ताव तैयार कर जून में विधि विभाग को भेज दिया है। इसमें प्रदेश के औद्योगिक और सभी नगर निगम क्षेत्रों में मॉल, रेस्टारेंट, आईटी सेक्टर, मुख्य बाजार और बिजनेस सेंटर 24 घंटे खोलने का प्रावधान किया गया है। प्रस्ताव के अनुसार 8 घंटे की शिफ्ट के हिसाब से 3 शिफ्टों में काम होगा। सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम करने की अनुमति किसी को नहीं होगी। 8 घंटे के हिसाब से कर्मचारियों को वेतन और अन्य सुविधाएं निर्धारित होंगी। सूत्रों का कहना है कि मई में श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ बैठक कर इस संबंध में सैद्धांतिक सहमति ले ले थी। चूंकि सीएम के निर्देश पर इंदौर में रात भर बाजार खुलना बंद हो गया है, इसलिए श्रम विभाग के प्रस्ताव के अनुसार अब प्रदेश के सभी औद्योगिक व नगर निगम क्षेत्रों में 24 घंटे बाजार खोला जाना खटाई में पड़ गया है। प्रदेश में भोपाल समेत 16 नगर निगम हैं।
24 घंटे बाजार खुलने से जीएसटी में वृद्धि होती
महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखंड और तेलंगाना में शॉपिंग मॉल, रेस्टोरेंट से लेकर मुख्य बाजार और बिजनेस सेंटर 24 घंटे खुले रहते हैं। इसको देखते हुए मोहन सरकार ने भी 24 घंटे बाजार और बिजनेस सेंटर खोलने का निर्णय लिया था। इसके पीछे श्रम विभाग का मानना था कि 24 घंटे बाजार खुलने से जीएसटी में वृद्धि होगी। प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहतर होने से बाजार 24 घंटे खोले जा सकते हैं। रात में खरीदारी से व्यापारियों का मुनाफा बढ़ेगा। सहयोगी आर्थिक गतिविधियां बढ़ेगी, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। लोगों को होटल, रेस्टोरेंट, सर्विस सेक्टर से जुड़ी सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध होगी। लेकिन इंदौर में नाइट कल्चर के दुष्प्रभाव को देखते हुए नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर बैठक में इसे बंद करने का मुद्दा उठाया था। बैठक में विजयवर्गीय ने ड्रग के अवैध कारोबार पर प्रभावी रोक लगाने और इंदौर में रात्रिकालीन बाजार एवं व्यवसायिक संस्थानों के संचालन के संबंध में नई व्यवस्था लागू करने का मुद्दा उठाया था। मुख्यमंत्री ने तत्काल इंदौर में विस्तृत कार्ययोजना बनाकर रात्रिकालीन बाजार, औद्योगिक संस्थान, कार्यालय संचालन आदि के संबंध में नई व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए थे। इस पर कलेक्टर इंदौर आशीष सिंह ने शहर में निरंजनपुर चौराहे से राजीव गांधी चौराहे तक 11.45 किलोमीटर, बीआरटीएस कॉरिडोर में विभिन्न व्यवसायिक / औद्योगिक / कार्यालय आदि संस्थानों को 24 घंटे संचालन की अनुमति हेतु जारी आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया था। इंदौर में यह व्यवस्था 2 साल पहले लागू की गई थी। प्रमुख सचिव श्रम विभाग सचिन सिन्हा का कहना है किऔद्योगिक और नगर निगम क्षेत्रों में 24 घंटे बाजार खोलने पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यह मामला अभी प्रक्रिया में है।