मप्र में सडक़ परियोजनाओं की प्रगति संतोषजनक नहीं

आज दिल्ली में गडकरी लोकनिर्माण, वन और राजस्व विभाग के अफसरों की लगाएंगे क्लास भोपाल । देश के केंद्र में स्थिति होने के कारण मप्र का देश के विकास में…

मप्र में सडक़ परियोजनाओं की प्रगति संतोषजनक नहीं

आज दिल्ली में गडकरी लोकनिर्माण, वन और राजस्व विभाग के अफसरों की लगाएंगे क्लास

भोपाल । देश के केंद्र में स्थिति होने के कारण मप्र का देश के विकास में अहम योगदान रहता है। इसको देखते हुए केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्रालय ने मप्र को सडक़ परियोजनाओं की कई सौगातें दी है। लेकिन प्रदेश में सडक़ परियोजनाओं की प्रगति संतोषजनक नहीं है। इसको देखते हुए केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडक़री ने मप्र के लोकनिर्माण, वन और राजस्व विभाग के अफसरों को दिल्ली तलब किया है। सोमवार को गडकरी इन अफसरों से योजनाओं के पिछडऩे का कारण जानेंगे और अन्य कार्यों की प्रगति की रिपोर्ट लेंगे। गौरतलब हैं कि गडकरी मप्र को लगातार सडक़ परियोजनाओं की सौगात देते रहते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने प्रदेश को सडक़ मार्ग को बेहतर बनाने बड़ी सौगातें दी। केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडक़री ने 499 किलोमीटर लंबाई की 15 राष्ट्रीय राजमार्ग सडक़ परियोजनाओं का शिलान्यास किया था। इनकी लागत 8038 करोड़ रुपए है। इसके अलावा पूर्व से कई परियोजनाएं चल रही हैं, लेकिन उनकी प्रगति से  केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडक़री संतुष्ट नहीं हैं। कई बार तो वे सडक़ों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठा चुके हैं।

आज दिल्ली में होगा मंथन


जानकारी के अनुसार केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मप्र में चल रहे नेशनल हाईवेज के काम और केंद्र की मदद से जारी अन्य निर्माण कार्यों की प्रगति से नाखुश हैं। उन्होंने मप्र के अधिकारियों को 15 जुलाई को दिल्ली तलब किया है। लोक निर्माण, वन और राजस्व विभाग के उच्च अधिकारी दिल्ली जाएंगे। केंद्रीय मंत्री गडकरी अधिकारियों से मप्र में चल रहे अपने विभाग से संबंधित प्रोजेक्ट की प्रगति के संबंध में चर्चा करेंगे। यदि प्रोजेक्ट के निर्माण में रुकावटें सामने आ रही है, तो उन्हें दूर करने के संबंध में चर्चा की जाएगी। इनमें से कई प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनका भूमिपूजन नितिन गडकरी ने स्वयं मप्र आकर किया था। इस बैठक के बाद मप्र में चले रहे सडक़ निर्माण, रिंग रोड, ओवर ब्रिज आदि प्रोजेक्ट के रफ्तार पकडऩे के आसार हैं। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में होने जा रही बैठक को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पीडब्ल्यूडी, वन और राजस्व अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रोजेक्ट के संबंध में अद्यतन जानकारी ले चुके है। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को प्रोजेक्ट की प्रगति से अवगत कराते हुए बताया कि कौन से प्रोजेक्ट में किस कारण से देरी हुई है। इससे पहले तीनों विभागों के अधिकारी आपस में चर्चा कर दिल्ली की बैठक की तैयारी कर चुके हैं।

पूरी तैयारी के साथ बैठक में शामिल होंगे अफसर


सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडक़री के साथ होने वाली बैठक में सडक़ों के निर्माण में होने वाली देरी का पूरा खाका बनाकर अफसर पहुंचेंगे। इसके लिए अफसरों ने पूरी तैयारी कर ली है। बैठक में जिन प्रोजेक्ट पर चर्चा होगी उनमें विंध्य एक्सप्रेस-वे मप्र में प्रस्तावित 676 किलोमीटर लंबा नेशनल हाईवे है। यह भोपाल को सिंगरौली से जोड़ेगा। यह कई नेशनल हाईवेज को आपस में जोड़ेगा। नर्मदा प्रगति पथ एक्सप्रेस-वे प्रदेश के 13 जिलों से होकर गुजरेगा। बाद में इसे गुजरात के भरूच या अहमदाबाद तक 150. किलोमीटर तक बढ़ाया जाएगा। इसकी अनुमानित निर्माण लागत 31,000 करोड़ रुपए है। अटल एक्सप्रेस-वे करीब 20 हजार करोड़ की लागत से कोटा से इटावा तक 415 किलोमीटर लंबाई में बनाया जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड व यमुना एक्सप्रेस-वे एवं दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा। बुंदेलखंड विकास पथ उम्र और मप्र को जोडऩे वाला 330 किलोमीटर लंबा नेशनल हाईवे है। यह झांसी-ललितपुर-देवास-सागर नेशनल हाईवे के नाम जाना जाएगा। मालवा-निमाड़ विकास पथ जिसे इंदौर-धार अलीराजपुर कॉरिडोर के नाम से भी जाना जाता है। यह 450 किलोमीटर लंबा नेशनल हाईवे इंदौर मप्र में चल रहे नेशनल हाईवे, आरओबी, रिंग रोड निर्माण प्रोजेक्ट के तार आसार को अलीराजपुर से जोड़ेगा। मध्य भारत विकास पथ मप्र में 746 किलोमीटर लंबा प्रस्तावित नेशनल हाईवे है। यह परियोजना बुंदेलखंड और महाकौशल क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इंदौर में 64 किलोमीटर लंबा पश्चिमी रिंगरोड बनाया जा रहा है। यह महू के पास एबी रोड से सांवेर होते हुए शिप्रा तक सडक़ तक जाएगा। छोला रेलवे ओवर ब्रिज काली परेड से अयोध्या बायपास भोपाल तक बनाया जाना है।  पिछले साल केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्रालय ने इसके लिए 32.44 करोड़ रुपए मंजूर किए थे। औबेदुल्लागंज से बैतूल व नागपुर को सीधे जोडऩे वाले करीब 150 किमी का फोरलेन निर्माणाधीन है। जबलपुर से दमोह के बीच करीब 101 किलोमीटर की सडक़ की टूलेन से फोर लेन में तब्दील किया जा रहा है। इसकी चौड़ाई 45 मीटर होगी। बमीठा से पन्ना सतना तक एनएच 39 का 98 किमी मार्ग फोरलेन बनाया जाना है।

इनका भी लेंगे फीडबैक

 केंद्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मार्च में मप्र में विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण और सुदृढ़ीकरण के लिए 3,549.48 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। हाइब्रिड वार्षिकी मोड के तहत मध्य प्रदेश के सीहोर और रायसेन जिलों में राष्ट्रीय राजमार्ग -146 बी के 41 किमी खंड को चार लेन करने के लिए 776.19 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। हाइब्रिड एम्प्युटी मोड के तहत भोपाल में राष्ट्रीय राजमार्ग-46 पर आशाराम तिराहा से राष्ट्रीय राजमार्ग-146 पर रत्नागिरि तिराहा तक अयोध्या बायपास के दोनों ओर छह लेन की सर्विस रोड बनाने के लिए 1,238.59 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी गई थी। इस सभी परियोजनाओं का भी फीडबैक लेंगे।