बिलासपुर मंडल के पेंड्रारोड स्टेशन में संरक्षा संगोष्ठी का आयोजन
बिलासपुर । मंडल रेल प्रबंधक प्रवीण पाण्डेय के मार्गदर्शन में मंडल संरक्षा विभाग द्वारा संरक्षा कोटि के कर्मचारियों में सजगता के साथ संरक्षित कार्य प्रणाली सुनिश्चित करने हेतु निरंतर संरक्षा…
बिलासपुर । मंडल रेल प्रबंधक प्रवीण पाण्डेय के मार्गदर्शन में मंडल संरक्षा विभाग द्वारा संरक्षा कोटि के कर्मचारियों में सजगता के साथ संरक्षित कार्य प्रणाली सुनिश्चित करने हेतु निरंतर संरक्षा संगोष्ठी का आयोजन मंडल के विभिन्न स्टेशनों में किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों में कार्य करने के दौरान संरक्षा के प्रति जागरुकता लाई जा सके ।
इसी कड़ी में पेंड्रारोड स्टेशन में वरि.मंडल संरक्षा अधिकारी साकेत रंजन, सहायक विद्युत अभियंता सुरेश सिंह एवं संरक्षा सलाहकारों की उपस्थिति में संरक्षा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में स्टेशन मास्टर, चालक, परिचालक, ट्रेन मैनेजर, फिटर, एसएसई, जेई, डीटीआई, यातायात सहायक, गेटमैन, सहित सभी विभागों के लगभग 100 से अधिक रेल कर्मचारियों ने भाग लिया ।
संगोष्ठी में दुर्घटनाओं के संभावित कारणों को पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रदर्शित किया गया तथा दुर्घटनाओं को रोकने के उपायों एवं इस दौरान ली जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। साथ ही सिग्नल एवं पाइंट्स खराब होने पर स्टेशन मास्टर के कर्तव्य, शंटिंग के दौरान ली जाने वाली सावधानियां, ओएचई ब्लाक के दौरान ली जाने वाली सावधानियां, रेल फ्रेक्चर तथा वेल्ड फ्रेक्चर की स्थिति में ट्रैक की सुरक्षा, लोडिंग अनलोडिंग पाइंट्स पर वैगन के दरवाजों का सही ढंग से बंद होना सुनिश्चित करना, नान-सिग्नलिंग में गाडी चलाने के दौरान चालक एवं सहायक चालकों का कर्तव्य, शंटिंग के समय ट्रेन मैनेजर के कर्तव्य, इंजीनियरिंग विभाग के द्वारा वर्षाकालीन सावधानियां एवं पेट्रोलिंग, ट्रैक पर कार्य करते समय कार्य स्थल की संरक्षा, क्रु, ट्रेन मैनेजर एवं गेटकीपर के द्वारा अनियमितता रिपोर्ट किये जाने पर स्टेशन मास्टर का कर्तव्य, आपदा प्रबंधन एवं स्क्क्रष्ठ से बचाव के तरीकों जैसे अनेक गहन मुद्दों पर भी चर्चा की गई। इसके साथ ही साथ नागरिक सुरक्षा निरीक्षक द्वारा फायर फाइटिंग एवं प्रथमोपचार की भी प्रशिक्षण दी गई। संगोष्ठी में वरि.मंडल संरक्षा अधिकारी ने कहा दुर्घटना रहित व संरक्षित रेल परिचालन हमारी पहली प्राथमिकता है और यह तभी संभव है जब हम संरक्षा नियमों का पालन करते हुए अपने कार्यों का निष्पादन सर्तकता एवं सजगता के साथ करें । उन्होने सभी को संरक्षा नियमों के अनुपालन के साथ कार्य करने के प्रति जागरूक किया ।