ईएनसी ऑफिस में 18 महीने में दो बाबुओं को बना दिया अधीक्षक
अब 5 साल से चल रही जांच पर जांच जांच रिपोर्ट ईएनसी के पास पहुंची नहीं ले रहे कोई एक्शन भोपाल । लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के ईएनसी ऑफिस में…
- अब 5 साल से चल रही जांच पर जांच
- जांच रिपोर्ट ईएनसी के पास पहुंची नहीं ले रहे कोई एक्शन
भोपाल । लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के ईएनसी ऑफिस में कार्यरत दो बाबुओं को नियमों को ताक पर रख कर महज 18 महीने के भीतर ए ग्रेड अधीक्षक बना दिया गया था, जबकि कि नियम के अनुसार एक प्रमोशन के लिए कम से कम पांच साल का समय लगता है। शिकायत के बाद 5 साल से जांच पर जांच चल रही है और कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। खास बात यह है कि एक बाबू संदीप सक्सेना का रिटायरमेंट भी हो गया और उन्हें दोबारा संविदा नियुक्ति पर मंत्रालय में पदस्थ कर दिया गया है। वहीं दूसरा बाबू गोपाल खोटपाल अभी भी ईएनसी कार्यालय में काम कर रहे हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि जब यह मामला सामने आया तो कुछ कर्मचारियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। जिसके बाद जांच शुरू हुई और छानबीन कमेटी को तथ्य जांचने कि जिम्मेदारी दी गई, और कमेटी ने अपने रिपोर्ट में शिकायत को सही बताया लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। दोबारा से शिकायत हुई तो फिर से निरीक्षण करने के लिए कुछ अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई। अधिकारियों ने एक माह पहले निरीक्षण करके सीएनसी केके सोनगरिया को रिपोर्ट सौंप दी है लेकिन अभी तक उन्होने कोई निर्णय नहीं लिया है।
18 वरिष्ठों को छोडक़र दिया था प्रमोशन
केके सोनगरिया ने इस मामले में आरटीआई लगाए जाने के बाद इस डीपीसी की जांच के आदेश दिए थे और मामले की जांच के लिए राजेश दुबे को जांच अधिकारी बनाया था। इस मामले में जांच के दौरान पाया गया कि गोविंद खोट पाल को अपने से 18 वरिष्ठों को छोडक़र प्रमोशन दिया गया और इसी आधार पर उन्हें सहायक ग्रेड वन का प्रमोशन भी मिल गया। इसी तरह का मामला संदीप सक्सेना का है जो कि लेखापाल थे और उन्हें प्रमोशन की पात्रता नहीं थी लेकिन तत्कालीन डीपीसी करने वाली कमेटी ने सारे नियमों को ताक में रखकर उन्हें पहले सहायक ग्रेड दो बनाया गया और बाद में सहायक ग्रेड एक के पद पर पदोन्नति दे दी। हैरानी की बात यह है कि यह पदोन्नति एक ही साल में हुई यानी सहायक ग्रेड दो से सहायक ग्रेड वन बनने में दो माह का अंतर है।
सेवानिवृत्ति होने के बाद अब संविदा नियुक्ति
खास बात यह है गोविंद खोटपाल, सदीप सक्सेना की नियम विरुद्ध डीपीसी और सहायक ग्रेड वन तक प्रमोशन देने के मामले की जांच चल रही है और अब संदीप सक्सेना सेवानिवृत्त हो गए हैं, और उन्हें मंत्रालय में संविदा नियुक्ति दोबारा रख लिया गया है। ईएनसी ऑफिस के कर्मचारियों की माने तो गोविंद खोटपाल, सदीप सक्सेना की नियम विरुद्ध डीपीसी और सहायक ग्रेड वन तक प्रमोशन देने के मामले की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की गई है।
ईएनसी को सौंप दी है निरीक्षण रिपोर्ट
छानबीन कमेटी द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट का पुन: निरीक्षण करने वाले मुख्य अभियंता सीके सिंह ने बताया कि हमारा काम रिपोर्ट का निरीक्षण करना था हमने निरीक्षण करके रिपोर्ट ईएनसी केके सोनगरिया को सौंप दी है। कार्रवाई करना या नहीं करना उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। हमारा काम रिपोर्ट का निरीक्षण करना था जो हम ने कर दिया है।