क्या है पाकिस्तान का ऑपरेशन ‘मार्ग बार सरमाचार’, जिसके तहत ईरान पर कर रहा हमले; 9 की मौत….
ईरान की ओर से बलूचिस्तान में आतंकी संगठन जैश अल-फदल के ठिकाने तबाह किए जाने से बौखलाए पाक ने अब जवाबी कार्रवाई की है। पाकिस्तान ने बुधवार की रात ईरान…
ईरान की ओर से बलूचिस्तान में आतंकी संगठन जैश अल-फदल के ठिकाने तबाह किए जाने से बौखलाए पाक ने अब जवाबी कार्रवाई की है।
पाकिस्तान ने बुधवार की रात ईरान की सीमांत इलाकों में अटैक किए हैं और उसका कहना है कि इस कार्रवाई में बलूच आतंकी मारे गए हैं।
वहीं ईरान का कहना है कि इस हमले में कोई आतंकी नहीं मरा है बल्कि 9 लोगों की मौत हुई है।
ये सभी गैर-ईरानी हैं और दूसरे देशों के रहने वाले हैं। ईरान का कहना है कि पाकिस्तान ने उसके सीमांत इलाके सारावान में अटैक किया है।
पाकिस्तान का कहना है कि उसने ऑपरेशन ‘मार्ग बार सरमाचार’ लॉन्च किया है। इसके तहत वह दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर रहा है। दरअसल ‘मार्ग बार सरमाचार’ बलोच भाषा का शब्द है।
इसका अर्थ है- गुरिल्ला लड़ाकों का खात्मा। ईरानी सीमा में हमले के बाद पाकिस्तान की सरकार और सेना अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।
उनका कहना है कि हमने 48 घंटे के भीतर ही ईरान को जवाब दे दिया है। उससे पहले ईरान ने बलूचिस्तान के सीमांत कस्बे पंजगुर में अटैक किए थे। उसका कहना था कि इन हमलों में उसने आतंकी संगठन जैश अल-फदल के दो ठिकाने तबाह किए हैं।
वहीं पाकिस्तान का कहना है कि इन हमलों में तीन बच्चे मारे गए हैं। इस मामले ने पाकिस्तान और ईरान के राजनयिक संबंधों को भी कमजोर कर दिया है।
एक तरफ ईरान से पाकिस्तान ने अपने राजनयिक को वापस बुला लिया है तो वहीं इस्लामाबाद में बैठे ईरान के राजदूत को वापस भेज दिया है।
पाकिस्तान से पहले ईरान ने सीरिया और इराक में भी कुछ हमले किए थे। उसका दावा था कि इनमें से एक हमले में उसने इजरायल की खुफिया एजेंसी के दफ्तर को ही उड़ा दिया है।
इस बीच कई वैश्विक एजेंसियों ने चिंता जताई है कि इजरायल और फिलिस्तीन में जारी संघर्ष के दौरान यह एक और युद्ध की शुरुआत हो सकता है।
इन हमलों के बाद पाकिस्तान ने ईरान पर आरोप लगाया कि वह आतंकियों को शरण दे रहा है। पाक के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, ‘बीते कई सालों से पाकिस्तान लगातार ईरान से कह रहा है कि उसके यहां पाक मूल के आतंकी छिपे हुए हैं। ये खुद को सरमाचार यानी गुरिल्ला कहते हैं। पाकिस्तान ने इनकी जानकारी भी शेयर की है। लेकिन ईरान की ओर से कभी कोई ऐक्शन नहीं लिया गया। अंत में अब हमें ऐक्शन लेने को मजबूर होना पड़ा है।’