कौन होगा नया लोकसभा अध्यक्ष? एक शर्त पर समझौता करने को तैयार है विपक्ष…
18वीं लोकसभा का पहला संसदीय सत्र सोमवार को शुरू हो रहा है। इस सत्र में सबसे बड़ा मुद्दा लोकसभा स्पीकर के चुनाव का है। लोकसभा अध्यक्ष का पद बेहद अहम…
18वीं लोकसभा का पहला संसदीय सत्र सोमवार को शुरू हो रहा है। इस सत्र में सबसे बड़ा मुद्दा लोकसभा स्पीकर के चुनाव का है। लोकसभा अध्यक्ष का पद बेहद अहम माना जाता है।
17वीं लोकसभा के अध्यक्ष बीजेपी सांसद ओम बिड़ला थे हालांकि चुनाव होते ही उनका कार्यकाल खत्म हो गया है। ऐसे में सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर का चुनाव होता है जो कि स्पीकर के चुनाव तक लोकसभा के कामकाज का संचालन करेंगे।
सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को ही प्रोटेम स्पीकर चुना जाता है। ऐसे में विपक्ष का कहना था कि केरल के मवेलिककारा से सांसद कोडिकुनिल सुरेश को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाए।
हालांकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। कई बार ऐसा हुआ है कि प्रोटेम स्पीकर को ही स्पीकर का उम्मीदवार भी बना दिया गया।
एक ही शर्त पर समझौते को तैयार विपक्ष
सूत्रों का कहना है कि स्पीकर पद के लिए समझौता करने को विपक्ष एक ही शर्त पर स्वीकार है। वह है डिप्टी स्पीकर विपक्ष की तरफ से होना चाहिए।
अगर बीजेपी इस बात पर सहमत हो जाती है तो विपक्ष भी स्पीकर के पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन कर सकता है। अब तक बहुत कम बार ऐसा हुआ है कि बिना विपक्ष के साथ सहमति के स्पीकर चुना गया हो।
सरकार की तरफ से प्रोटेम स्पीकर की मदद करने के लिए विपक्ष से तीन नाम आगे किए गए थे। हालांकि विपक्ष ने उन नामों को भी वापस ले लिया। विपक्ष का कहना है कि कोडिकुनिल सुरेश जब सबसे वरिष्ठ हैं तो उन्हें प्रोटेम स्पीकर क्यों नहीं बनाया जा रहा है।
वहीं विपक्ष चाहता है कि सुरेश को डिप्टी स्पीकर चुना जाए। लेकिन अगर एनडीए इस बात पर सहमत नहीं होता है तो विपङ उन्हें ही स्पीकर पद के उम्मीदवार के तौर पर उतार सकता है। जानकारी के मुताबिक जल्द ही विपक्षी गठबंधन के नेता मीटिंग करने वाले हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि सुरेश आठ बार सांसद रहे हैं। इसके बावजूद सात बार सांसद बनने वाले भर्तृहरि महताब को प्रोटेम सिपीकर बनाया गाय है। अगर इस बात को भी माना जाए कि सुरेश लगातार चुनाव नहीं जीते हैं तो भी बीजेपी सांसद रमेश जिगाजिनागी को प्रोटेम स्पीकर क्यों नहीं बनाया गया।
वह भी सातवीं बार लगातार चुनाव जीते हैं। क्या वह दलित हैं इसलिए उन्हें प्रोटेम स्पीकरन हीं बनाया गया है? बता दें कि 2014-19 के दौरान मोदी सरकार ने डिप्टी स्पीकर का पद एआईएडीएमके को दिया था। वहीं 2019 से 2024 के बीच किसी को डिप्टी स्पीकर नहीं बनाया गया था।
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