ममता की नाराजगी दूर करने में जुटी कांग्रेस, प्रियंका के पक्ष में वायनाड में प्रचार के लिए मनाया…

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस को अपने राज्य में एक भी सीट नहीं दी, लेकिन अब वह वायनाड में प्रियंका…

ममता की नाराजगी दूर करने में जुटी कांग्रेस, प्रियंका के पक्ष में वायनाड में प्रचार के लिए मनाया…

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस को अपने राज्य में एक भी सीट नहीं दी, लेकिन अब वह वायनाड में प्रियंका गांधी के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए जाएंगी।

कांग्रेस पार्टी ने उनसे यह अनुरोध किया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। इससे पहले ममता बनर्जी ने ही प्रियंका गांधी वाड्रा को वाराणसी से चुनाव लड़ाने का विचार दिया था। 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कोलकाता में सचिवालय में ममता बनर्जी के साथ बैठक की थी। सूत्रों ने बताया कि चिदंबरम गांधी परिवार के दूत के रूप में ममता से मिलने के लिए गए थे।

टीएमसी सुप्रीमो कांग्रेस से नाराज हैं और उन्होंने कांग्रेस-टीएमसी गठबंधन वार्ता में विफलता के लिए विशेष रूप से बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को जिम्मेदार ठहराया है।

बंगाल में टीएमसी की बड़ी जीत के बाद टीएमसी के दूसरे सबसे बड़े नेता अभिषेक बनर्जी कांग्रेस को छोड़कर विभिन्न मुद्दों पर उन्हें एक साथ लाने के लिए इंडिया गठबंधन के घटक दलों से मिलने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

अभिषेक बनर्जी ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा से नई दिल्ली में मुलाकात की और उसके बाद उद्धव ठाकरे से मिलने के लिए मुंबई चले गए।

इस सप्ताह की शुरुआत में सांसद कल्याण बनर्जी, सागरिका घोष और साकेत गोकले के टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने मुंबई में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात की और एग्जिट पोल के दिन कथित शेयर बाजार हेरफेर की सेबी जांच की मांग करते हुए एक संयुक्त प्रदर्शन में हिस्सा लिया। कांग्रेस आंदोलन में शामिल नहीं थी। 

टीएमसी 29 सांसदों के साथ विपक्षी खेमे में लोकसभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। टीएमसी की नाराजगी दूर करने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने चिदंबरम को ममता बनर्जी के साथ सीधी बातचीत करने और मतभेदों को सुलझाने के लिए भेजा था।

शुक्रवार को ममता बनर्जी के जाने-माने आलोचक अधीर रंजन चौधरी ने भी अपना रुख नरम करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के साथ उनके मतभेद पूरी तरह से राजनीतिक हैं। यह व्यक्तिगत नहीं हैं। 

अघीर रंजन चौधरी ने कहा, “2011 में बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले मैंने सोनिया गांधी से कहा था कि वामपंथियों से लड़ने के लिए कांग्रेस को टीएमसी के साथ गठबंधन करना चाहिए। मैंने उनसे कहा था कि ममता बनर्जी बंगाल में सबसे विश्वसनीय चेहरा हैं और हमें उनके साथ गठबंधन करना चाहिए और अगर कांग्रेस-टीएमसी गठबंधन करते हैं तो हम अच्छा करेंगे। ममता बनर्जी के साथ मेरा कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं है, यह पूरी तरह से राजनीतिक है।” 

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