अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स, फिलहाल वापस नहीं आएगा बोइंग स्टारलाइनर
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर मौजूद नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और क्रू के आठ अन्य सदस्यों के लिए एक बार फिर एक बड़ी मुश्किल खड़ी…
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर मौजूद नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और क्रू के आठ अन्य सदस्यों के लिए एक बार फिर एक बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। नासा ने शुक्रवार को जानकारी दी कि अंतरिक्ष यात्रियों के पहले दल को ले जाने वाले बोइंग स्टारलाइनर की वापसी को फिलहाल टाल दिया गया है। यहां तक कि नासा ने वापसी की कोई नई तारीख भी नहीं बताई है। अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी को लेकर अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं। लोग जानना चाह रहे हैं कि मिशन के दो अंतरिक्ष यात्री कब लौटेंगे। टेस्टिंग और तकनीकी मुद्दों के कारण पहले से ही देरी हुई है। बता दें, अंतरिक्ष यान की वापसी पहले 26 जून को निर्धारित की गई थी।
कब आएंगे अंतरिक्ष यात्री वापस?
अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स ने पांच जून को उड़ान भरी थी। 2019 के बाद से इसे दो बार बिना इंसान के अंतरिक्ष में भेजा गया है। इसके थ्रस्टर्स को पांच विफलताओं और पांच हीलियम रिसाव का सामना करना पड़ा है। नासा और बोइंग को खराबी का सामना करना पड़ा और अतिरिक्त परीक्षण करने पड़े, जिससे यह सवाल उठता है कि वास्तव में स्टारलाइनर अपने चालक दल को कब तक वापस ला सकेगा। इसके आलावा इस अंतरिक्ष यान की कई समस्याएं सामने आई हैं। गौरतलब है, कंपनी ने इस प्रोजेक्ट के लिए 4.5 अरब डॉलर के नासा डेवलपमेंट कॉन्ट्रैक्ट के अलावा लागत में वृद्धि पर 1.5 अरब डॉलर खर्च किए हैं। नासा चाहता है कि स्टारलाइनर दूसरा अमेरिकी अंतरिक्ष यान बने जो स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन के साथ अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक ले जा सके। बोइंग का स्टारलाइनर कार्यक्रम वर्षों से सॉफ्टवेयर गड़बड़ियों, डिजाइन समस्याओं और उपठेकेदारों के विवाद से जूझ रहा है। स्टारलाइनर छह जून को डॉक करने के लिए स्पेस स्टेशन के करीब पहुंचा तो थ्रस्टर फेलियर देखा गया। इस कारण अंतरिक्ष यान स्पेस स्टेशन के पास तब तक नहीं गया, जब तक इसे सही नहीं कर लिया गया।
स्पेस स्टेशन में मिली इस चीज ने वैज्ञानिकों के उड़ाए थे होश
इससे पहले आईएसएस के अंदर एक सुपरबग के होने की जानकारी सामने आई थी। वैज्ञानिकों ने एंटरोबैक्टर बुगंडेंसिस नामक एक बहु दवा प्रतिरोधी बैक्टेरिया का पता लगाया था। यह आईएसएस के बंद वातावारण में विकसित होकर अधिक प्रभावशाली हो चुका है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, एक बहु दवा प्रतिरोधी बैक्टेरिया है, जिसकी वजह से इसका नाम सुपरबग रखा गया है। यह बैक्टेरिया श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है। सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में रिकॉर्ड 322 दिन बिता चुकी हैं। वह पहली बार 9 दिसंबर 2006 को अंतरिक्ष में गई, और 22 जून 2007 तक वहां रहीं। इसके बाद वह 14 जुलाई 2012 को दूसरी बार अंतरिक्ष यात्रा पर गईं और 18 नवंबर 2012 तक अंतरिक्ष में रहीं।