नर्सिंग घोटाला : मलय नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य सुमा भास्करन की जमानत याचिका खारिज
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग महाघोटाले के आरोपियों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। शिकायतकर्ता की आपत्ति पर सीबीआई कोर्ट ने गुरुवार, 20 जून को मलय नर्सिंग कॉलेज की…
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग महाघोटाले के आरोपियों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। शिकायतकर्ता की आपत्ति पर सीबीआई कोर्ट ने गुरुवार, 20 जून को मलय नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल सुमा भास्करन की जमानत याचिका खारिज कर दी। इस मामले में चार आरोपियों की पहले ही जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। मामले में भोपाल सीबीआई कोर्ट में मलय नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य सुमा भास्करन की जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। कोर्ट में शिकायतकर्ता की ओर से आरोपी प्राचार्य की जमानत आवेदन पर आपत्ति आवेदन पेश किया गया था। जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता ने आरोप लगया कि मलय नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य सीबीआई के भ्रष्ट अधिकारियों से सांठगांठ कर रही थीं और मामले को सैटल कराने के लिए करोड़ों का लेन-देन की जुगत में थीं। इसके लिए सुमा भास्करन द्वारा सीबीआई की टीम के साथ कई नर्सिंग कॉलेजों के निरीक्षण भी किए गए हैं। ऐसे में उनसे कड़ाई से पूछताछ करना चाहिए। बता दें, अभी तक नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े में सीबीआई इंस्पेक्टर समेत 13 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। सभी 13 आरोपी अभी जेल में हैं। इनमें से 4 आरोपियों की पहले ही जमानत याचिका खारिज हो चुकी है।
दिल्ली सीबीआई ने 19 मई को की थी कार्रवाई
एनएसयूआई लीडर और शिकायतकर्ता रवि परमार ने 15 अप्रैल को सीबीआई कार्यालय में मलय नर्सिंग कॉलेज समेत अन्य कॉलेजों की शिकायत की थी। इसके बाद दिल्ली सीबीआई ने 19 मई को 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जिसमें एक सीबीआई का इंस्पेक्टर भी शामिल है। मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में गड़बड़ियों की याचिका पर ग्वालियर हाईकोर्ट ने 364 नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई ने 308 नर्सिंग कॉलेज की जांच कर रिपोर्ट सौंपी। जांच रिपोर्ट में 169 नर्सिंग कॉलेजों को सुटेबल, 73 नर्सिंग कॉलेजों को डिफिसेंट और 66 नर्सिंग कॉलेज को अनसुटेबल बताया गया।
मापदंड पूरा नहीं करने वाले कॉलेजों को भी मान्यता
सीबीआई ने कई ऐसे नर्सिंग कॉलेजों को भी क्लीन चिट दे दी गई थी जो मान्यताओं पर खरा नहीं उतरे थे। जिस पर एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने आपत्ति जताई। उन्होंने 15 अप्रैल को सीबीआई कार्यालय पहुंचकर शिकायत की। इनकी शिकायत के बाद सीबीआई ने कुछ विभागीय लोगों को निशाने पर लिया। इसके बाद दिल्ली सीबीआई ने इंदौर, भोपाल, रतलाम समेत अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान सीबीआई का इंस्पेक्टर राहुल राज 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया। उन्होंने क्लीन चिट देने के बदले रिश्वत मांगी थी। आगे की कार्रवाई में राहुल राज के घर से तलाशी में 7 लाख 88 हजार कैश और 2 गोल्ड के बिस्किट भी बरामद किए गए। इसके बाद सीबीआई अफसर राहुल राज को रिश्वत देने वाले भोपाल के मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग के चेयरमैन अनिल भास्करन, प्रिंसिपल सुमा भास्करन और एक दलाल सचिन जैन को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। अभी तक दिल्ली सीबीआई ने कुल दो सीबीआई निरीक्षक समेत 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेज दिया है। इसके अलावा रतलाम नर्सिंग कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल जुगल किशोर शर्मा और भाभा कॉलेज भोपाल के प्रिंसिपल जलपना अधिकारी को भी गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए एक अन्य आरोपी रविराज भदौरिया के ठिकाने से सीबीआई ने 84.65 लाख रुपए जब्त किए। एक अन्य आरोपी प्रीति तिलकवार के ठिकाने से करीब 1 लाख रुपए और डायरी मिली। सीबीआई की गिरफ्त में आए 13 लोगों में दो सीबीआई अफसर, दो प्रिंसिपल और दलाल भी शामिल हैं।
ये हैं 13 गिरफ्तार आरोपी
राहुल राज, सीबीआई अधिकारी, सचिन जैन, दलाल, सुमा भास्करन, प्रिंसिपल मलय नर्सिंग कॉलेज, अनिल भास्करन, चेयरमैन, मलय नर्सिंग कॉलेज, रवि भदौरिया, आरडी मेमोरियल नर्सिंग कॉलेज इंदौर, प्रीति तिलकवार, वेद प्रकाश शर्मा, तनवीर खान, ओम गिरी गोस्वामी, जुगल किशोर शर्मा, नर्सिंग कॉलेज संचालक, राधारमण शर्मा, जुगल किशोर का भाई, जलपना अधिकारी, प्राचार्य भाभा नर्सिंग कॉलेज भोपाल, सुशील मजोकर, सीबीआई निरीक्षक