बाबरी जैसा होगा भटकल की मस्जिद का हश्र, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े का विवादित बयान…
कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ से बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने एक और विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि भटकल मस्जिद पहले हिंदू मंदिर थी। जैसे बाबरी…
कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ से बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने एक और विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि भटकल मस्जिद पहले हिंदू मंदिर थी।
जैसे बाबरी मस्जिद को ढहाया गया, भटकल की मस्जिद का भी वैसा ही हश्र होगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद ने कहा, “जैसे बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया, भटकल की मस्जिद को भी उसी तरह धवस्त किया जाएगा।”
कुमता में बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने कहा, भटकल की गोल्डन विलेज मस्जिद एक हिंदू मंदिर थी।
शिरसी के सीपी बाजार में एक बड़ी मस्जिद है जो विजया विट्ठल मंदिर है। श्रीरंगपट्टनम की सबसे बड़ी मस्जिद में आज भी आप वहां मारुति की मूर्ति देख सकते हैं।
देश के हर कोने में, गांव के हर कोने में अपवित्र प्रतीक मौजूद हैं। इसे उखाड़ फेंकने तक हिंदू समाज शांत नहीं बैठेगा। हमें चिंता करने की कोई बात नहीं है, अखबार को सीधे लिखने दीजिए, कुछ लोगों को यह खतरा लगता है, हम गारंटी के तौर पर ऐसा कर रहे हैं।
बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि यह हिंदू समाज का निर्णय है, अनंत कुमार हेगड़े का निर्णय नहीं। ये बदला है, बदला है, बदला है।
हिंदू समाज कहता है कि अगर हजारों साल का बदला न लिया जाए तो ये हिंदू खून नहीं है। हम कर्ज चुकाते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर एक हजार साल का कर्ज है और अगर हम इसे चुकाए बिना हाथ पर हाथ धरे बैठे रहें तो इसमें हिंदू खून नहीं है।
उन्होंने कहा, ”पहली शुरुआत रामजन्मभूमि से हो चुकी है। उन्होंने संपूर्ण हिंदू समाज को जाति, क्षेत्र और भाषा के नाम पर विभाजित कर दिया। मुर्खरामैया (सिद्धारमैया) जैसे लोग अब भी भड़क रहे हैं। फिर भी आज हिंदू समाज एक साथ खड़ा है, अगली सदी में एक नई जीत दिखनी चाहिए।”
भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कांग्रेस नेता संजय गांधी को गोहत्या का श्राप मिला था।
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी की गोपाष्टमी के दिन गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह श्राप का परिणाम था। जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं, तब गोहत्या पर प्रतिबंध को लेकर एक बड़ा आंदोलन हुआ था।
आंदोलन में दर्जनों संतों की मृत्यु हो गई और कई संतों की हत्या हुई और इंदिरा गांधी की उपस्थिति में गायों का वध किया गया, सैकड़ों गायें की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
महान तपस्वी करपात्री महाराज ने इंदिरा गांधी को श्राप दिया था। उन्होंने कहा, “उन्होंने श्राप दिया कि गोपाष्टमी के दिन’ ही तुम्हारा वंश नष्ट हो जाएगा। गोपाष्टमी के दिन एक विमान दुर्घटना में संजय गांधी की मृत्यु हो गई और गोपाष्टमी के दिन इंदिरा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई।”
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