औषधि स्नान से होते हैं ग्रहों के दुष्प्रभाव दूर
ग्रहों की स्थिति का आपके जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। अगर यह अनुकूल होते हैं तो आपके जीवन में सब कुछ अच्छा चलता है। ग्रहों की दशा बदलने…
ग्रहों की स्थिति का आपके जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। अगर यह अनुकूल होते हैं तो आपके जीवन में सब कुछ अच्छा चलता है। ग्रहों की दशा बदलने पर व्यक्ति को अमीर से गरीब और राजा से रंक बनने में देर नहीं लगती। आज हम आपको बता रहे हैं औषधि स्नान के माध्यम से 9 ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम करने के उपाय…
सूर्य के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए
इलाइची, केसर एपवं गुलहठी, लाल रंग के फूल मिश्रित जल द्वारा स्नान करने से सूर्य के दुष्प्रभाव कम होते हैं।
चंद्र की पीड़ा के निवारण के लिए
सफेद चंदन, सफेद फूल, सीप, शंख और गुलाब जल मिश्रित पानी से नहाने से आपकी राशि पर चंद्र के दुष्प्रभाव कम होते हैं।
ऐसे दूर कर सकते हैं मंगल की पीड़ा
लाल चंदन, लाल फूल, बेल वृक्ष की छाल, जटामांसी, हींग मिश्रित जल से नहाने से मंगल ग्रह के दुष्परिणों को भी कम किया जा सकता है।
बुध की कृपा ऐसे कर सकते हैं प्राप्त
अगर आप चाहते हैं कि आप पर बुध की कृपा दृष्टि बनी रहे तो आपको अपने स्नान के जल में अक्षत, जायफल, गाय का गोबर मिश्रित करके स्नान करना होगा।
गुरु के दुष्प्रभाव ऐसे करें दूर
सफेद सरसों, दमयंती, गूलर और चमेली के फूल मिलाकर स्नान करने से आप पर गुरु के दुष्प्रभावों का असर बहुत कम होता है।
शुक्र को ऐसे कर सकते हैं प्रसन्न
शुक्र को आपके वैवाहिक जीवन का कारक माना गया है। शुक्र को खुश रखने से आपका वैवाहिक जीवन सदैव खुशहाल रहता है। इसके लिए बस आपको अपने स्नान के जल में जायफल, मैनसिल, केसर, इलाइची और मूली के बीज मिलाकर नहाना होगा। ऐसा करने से शुक्र ग्रह के दुष्प्रभाव दूर हो सकते हैं।
शनि ग्रह के प्रकोप से ऐसे बचें
शनि को न्याय के देवता का सम्मान प्राप्त है। यह व्यक्ति को उसके कर्म के अनुरूप परिणाम देते हैं। अत: हमको अपने कर्म तो दुरुस्त रखने ही चाहिए साथ ही कुछ विशेष चीजों को स्नान के जल में मिलाकर नहाने से आप शनि के दुष्प्रभावों से दूर रह सकते हैं। इन चीजों में सरसों, काले तिल, सौंफ, लोबान, सुरमा, काजल आदि शामिल हैं।
राहु की पीड़ा ऐसे कर सकते है दूर
इसके लिए आप स्नान औषधि के रूप में लोबान, कस्तूरी, गजदंत आदि सामग्री से मिश्रित जल से स्नान करके राहु की पीड़ा को दूर कर सकते हैं।
केतु की पीड़ा ऐसे करें दूर
लाल चंदन और छाग मूत्र मिश्रित जल से स्नान करके आप केतु के दुष्प्रभावों को अपने आप खत्म कर देंगे।