चमत्कारों से भरे इस मंदिर की कहानी! जब पड़ा अकाल, लोगों ने बजरंगबली से लगाई गुहार, फिर खुदाई में निकला..
राजस्थान का जयपुर अपने ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिरों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. यहां सालों पुराने कई मंदिर हैं, जहां दर्शन के लिए देश-दुनिया से लोग आते हैं. ऐसे…
राजस्थान का जयपुर अपने ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिरों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. यहां सालों पुराने कई मंदिर हैं, जहां दर्शन के लिए देश-दुनिया से लोग आते हैं. ऐसे ही जयपुर के चारदीवारी के चांदपोल बाजार में स्थित चांदपोल हनुमान मंदिर है, जो लगभग 1100 साल पुराना है. इसकी स्थापना मीणा शासनकाल में हुई थी. इस मंदिर को वर्ष 1727 से पहले चार बेरियावाले व चबूतरा हनुमानजी के नाम से जानते थे. लेकिन बाद में श्री चांदपोल हनुमानजी के नाम से यह मंदिर प्रसिद्ध हो गया. यह मंदिर चांदपोल बाजार के चांदपोल गेट के पास ही बना हुआ है, जहां हर समय भक्तों की भीड़ उमड़ी रहती है. मंदिर के पुजारी और यहां के स्थानीय लोग बताते हैं कि एक समय था, जब जयपुर में अकाल पड़ा. उस समय पानी की किल्लत सबसे ज्यादा रही, फिर मंदिर के चारों ओर चार बोरिया खोदी गई, जिसमें मीठा पानी निकला. इसके बाद से मंदिर चार बोरियों वाले हनुमान जी के नाम से प्रसिद्ध हो गया.
अनोखी है इस मंदिर की मान्यता
आपको बता दें कि साल 2008 में जयपुर में बम ब्लास्ट की घटना हुई थी, जिसमें चांदपोल मंदिर पर भी एक बम ब्लास्ट हुआ था. लेकिन मंदिर में इसका ज्यादा प्रभाव नहीं हुआ और मंदिर सुरक्षित था. इसलिए इस मंदिर में उस घटना के बाद से लोगों की ओर आस्था बढ़ी और तब से यहां हर दिन हजारों की संख्या में लोग भगवान हनुमानजी के दर्शन के लिए आते हैं. इस मंदिर की विशेष मान्यता है कि यहां भगवान हनुमान के दर्शन मात्र से लोगों की कभी दुर्घटना में क्षति नहीं होती. साथ ही जीवन के सभी संकट के समय हनुमानजी उनकी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं. इस मंदिर में मंगलवार और शनिवार को भक्तगण सबसे ज्यादा आते हैं.
इस मंदिर में हर समय रहती है भीड़
आपको बता दें श्री चांदपोल हनुमानजी मंदिर चारदीवारी बाजार के मुख्य बाजार में बना हुआ है, जहां हर समय लोगों की भीड़ उमड़ी रहती है और लोग आते-जाते ही दर्शन करते हैं. साथ ही इस मंदिर में एक अनोखी परम्परा है, जिसमें यहां बेसहारा और गरीब लोगों को लोग प्रसादी के रूप में खाने की चीजें देते हैं. इसलिए यह इस मंदिर की सबसे प्रसिद्ध परम्परा बन गई है, साथ ही जयपुर के चारदीवारी बाजार में व्यापारी भी अपने व्यापार की शुरुआत हनुमानजी के दर्शन करने के बाद ही शुरू करते हैं.