लेबर पार्टी आज जारी करेगी अपना घोषणा पत्र, आर्थिक विकास और धन सृजन पर रहेगा जोर
ब्रिटेन में आम चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी हैं। ब्रिटेन की मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी ने कहा है कि उनकी सरकार अगर सत्ता में आई तो…
ब्रिटेन में आम चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी हैं। ब्रिटेन की मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी ने कहा है कि उनकी सरकार अगर सत्ता में आई तो वो धन सृजन और आर्थिक विकास पर फोकस करेंगे। लेबर पार्टी के नेता केर स्टर्मर आज अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी करेंगे। ब्रिटेन में आम चुनाव के लिए मतदान में करीब तीन हफ्ते का ही समय रह गया है और 4 जुलाई को ब्रिटेन में वोट डाले जाएंगे। लेबर पार्टी ने अपने घोषणा पत्र को 'पूरी तरह से बदलाव' शीर्ष दिया है। सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी ने हाल ही में अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। कंजरवेटिव पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में एक महत्वकांक्षी योजना का एलान किया है, जिसके तहत प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने टैक्स में 17 अरब पाउंड की कटौती करने का एलान किया है। लेबर पार्टी ने कंजरवेटिव पार्टी के इस एलान को चुनावी स्टंट करार दिया है और इसे कंजरवेटिव पार्टी की चुनाव जीतने के लिए आखिरी कोशिश करार दिया है। गौरतलब है कि लेबर पार्टी की ब्रिटेन में एक ऐसी पार्टी के रूप में पहचान है, जो जनता पर टैक्स थोपती है। ऐसे में पार्टी इस छवि को बदलने के लिए ही अपने घोषणा पत्र में धन सृजन करने और आर्थिक विकास पर फोकस कर रहे हैं। बदलने के लिए ही अपने घोषणा पत्र में धन सृजन करने और आर्थिक विकास पर फोकस कर रहे हैं। लेबर पार्टी के घोषणापत्र में बुनियादी ढांचे में बदलाव, निवेश को बढ़ावा और जॉब मार्केट में आमूल-चूल परिवर्तन की भी बात कही गई है।
हिंदुओं ने जारी किया अपना घोषणापत्र
ब्रिटेन में चार जुलाई को होने वाले आम चुनाव के लिए ब्रिटेन के हिंदू समुदाय ने अपनी मांगों को लेकर एक मांगपत्र जारी किया है। इस 32 पेज के दस्तावेज में हिंदू समुदाय के लोगों वो मांगे रखी हैं, जो वो चाहते हैं कि सरकार पूरी करे। इस मांगपत्र में हिंदुओं के खिलाफ नफरत रोकने और मंदिरों की सुरक्षा जैसे मुद्दे शामिल हैं। हिंदू फॉर डेमोक्रेसी नामक संगठन 15 हिंदू संगठनों का समूह है। जिसमें बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था, चिन्मय मिशन, विश्व हिंदू परिषद, यूके, हिंदू काउंसिल यूके, हिंदू फोरम ऑफ ब्रिटेन, हिंदू मंदिर नेटवर्क यूके, नेशनल काउंसिल ऑफ हिंदू टेंपल्स और इस्कॉन शामिल हैं। कंजरवेटिव पार्टी के चार उम्मीदवारों ने इस मांगपत्र का समर्थन भी कर दिया है।