छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में कलेक्टर-SP को पद से हटाया गया

बलौदाबाजार   छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार हिंसा मामले में कड़ा एक्शन लिया गया है. प्रशसान ने बलादौ बाजार के कलेक्टर और एसपी को पद से हटा दिया है. हिंसा के…

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में कलेक्टर-SP को पद से हटाया गया

बलौदाबाजार

 

छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार हिंसा मामले में कड़ा एक्शन लिया गया है. प्रशसान ने बलादौ बाजार के कलेक्टर और एसपी को पद से हटा दिया है.

हिंसा के बाद बलौदा बाजार के कलेक्टर केएल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को हटा दिया गया है. उनकी जगह दीपक सोनी अब नए कलेक्टर और विजय अग्रवाल नए एसपी होंगे.

बलौदा बाजार जिले में सोमवार को हिंसा भड़क गई थी. छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ से नाराज सतनामी समाज के लोग प्रदर्शन के दौरान उग्र हो गए थे. उन्होंने पहले जिला कलेक्ट्रेट और एसपी ऑफिस में पत्थरबाजी की और फिर आग लगा दी. इतना ही नहीं गुस्साए लोगों ने 100 से ज्यादा गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया. इस हिंसक प्रदर्शन में 25 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए. वहीं हिंसा को देखते हुए बाजार की सभी दुकानें बंद कर दी गई थीं और पुलिस ने धारा 144 लगाकर भीड़ पर कंट्रोल किया गया. इस दौरान पुलिस ने 60 से ज्यादा लोगों को हिरासत में भी लिया.

कैसे भड़की थी हिंसा?

सतनामी समाज के लोग सोमवार को बलौदा बाजार के दशहरा मैदान में इकट्ठे हुए थे. प्रदेश भर से 7-8 हजार की संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठे हुए थे. प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोगों को गार्डन चौक पर ज्ञापन देने की सलाह दी गई, लेकिन उन्होंने इस सलाह को खारिज कर दिया. दोपहर करीब पौने तीन बजे विरोध करने आई भीड़ रैली के रूप में नारे लगाते हुए आगे बढ़ी. इस दौरान भीड़ ने गार्डन चौक के पास लगे पहला बैरिकेड तोड़ दिया, जहां वे बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ गए.

इसके बाद पूरी रैली नेतृत्वहीन होकर योजनाबद्ध तरीके से नारे लगाते हुए चक्रपाणि स्कूल के पास पहुंची थी, जहां एक बड़ा बैरिकेड लगाया गया था और ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की की, उन्हें लाठियों से पीटा और गंभीर रूप से घायल कर दिया और बैरिकेड तोड़ दिया. वहां से प्रदर्शन कारी पथराव करते हुए आगे बढ़े. पुलिस ने उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन भीड़ हिंसक हो गई और पास में खड़ी फायर ब्रिगेड पर चढ़ गई और उसे तोड़ दिया. अपने साथ लाए पेट्रोल और डीजल से आग लगाकर आगे बढ़ गई. जॉइन्ट कलेक्ट्रेट ऑफिस के पास उपद्रवी उग्र हो गए और पथराव कर पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को लाठी-डंडों से पीट-पीट कर घायल कर दिया. उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ी करीब 100 सरकारी व निजी मोटरसाइकिलों व 30 से अधिक चारपहिया वाहनों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी.

सतनामी समाज के लोग क्यों कर रहे थे प्रदर्शन?

बलौदा बाजार में जो प्रदर्शन हो रहा था, वो गिरौदपुरी के महकोनी गांव में जैतखाम के साथ तोड़फोड़ किए जाने की घटना की सीबीआई जांच की मांग को लेकर था. हालांकि इस मामले में गृह मंत्री की ओर से न्यायिक जांच के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन समाज के लोग लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे.

क्या है पूरा मामला?

बीती 15 मई की रात गिरौदपुरी में सतनामी समाज के तीर्थ स्थल 'अमर गुफा' के जैतखाम को किसी ने क्षतिग्रस्त कर दिया था. पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था. हालांकि नाराज प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पुलिस ने असली आरोपियों को नहीं पकड़ा है और वो दोषियों को बचा रही है. इसको लेकर आठ जून को कलेक्टर और समाज के लोगों के बीच बैठक हुई. उसके बाद नौ जून को गृहमंत्री विजय शर्मा की ओर से घटना के न्यायिक जांच के आदेश दिए गए. इसके बाद समाज के लोगों ने 10 जून को दशहरा मैदान में प्रदर्शन की अनुमति मांगी, लेकिन प्रदर्शन के दौरान लोग पुलिस के रवैये से उग्र हुए और हालात बिगड़ गए थे.