मंत्री पटेल के जल संरक्षण हेतु अथक प्रयास जारीः जल गंगा संवर्द्धन अभियान के तहत निरंतर कर रहे हैं वृक्षारोपण

भोपाल : “जीवन के लिए जल जरूरी है और जल संरक्षण के लिए वृक्ष जरूरी है, इसलिए प्रत्येक दिवस एक वृक्ष जरुर लगाएं। जल स्त्रोतों के जल संरक्षण एवं पुनर्जीवन…

मंत्री पटेल के जल संरक्षण हेतु अथक प्रयास जारीः जल गंगा संवर्द्धन अभियान के तहत निरंतर कर रहे हैं वृक्षारोपण

भोपाल : “जीवन के लिए जल जरूरी है और जल संरक्षण के लिए वृक्ष जरूरी है, इसलिए प्रत्येक दिवस एक वृक्ष जरुर लगाएं। जल स्त्रोतों के जल संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिए हम सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा। संतान को जन्म से और नदियों को उद्गम से संभालने पर ही इनका भविष्य उज्जवल होगा। नदियों को उद्गम से पुनर्जीवित करने और उनके अविरल प्रवाह के लिए प्रदेश में नवाचार की शुरूआत हुई है।” उक्त शब्दों के साथ जनसमुदाय को प्रेरणा देते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम विभाग मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने सागर जिले के देवरी विकासखण्ड के व्यारमा नदी के उद्गम स्थल पर जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत स्थानीय जनसमुदाय से चर्चा कर वृक्षारोपण किया।

मंत्री पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुसार जल गंगा संवर्धन अभियान में प्रदेश में नदी, तालाबों, कुओं, बावड़ियों तथा अन्य जल स्त्रोतो के जल संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिये 16 जून तक विशेष अभियान संचालित किया जाएगा। सागर एवं दमोह जिले के लिए सुनार नदी सुख समृद्धि लाने का कार्य करती है, हमारे लिए नदी के पानी का कण-कण पूजनीय है। मंत्री पटेल ने कहा कि हम सभी को जल स्रोतों को संरक्षित एवं संवर्धन करने का कार्य करना चाहिए जिससे हम हमारी भावी पीढ़ी को जीवन जीने की कार्यशैली सिखा सकें और हमारे पशु-पक्षी भी सुरक्षित रह सकें ।हम सभी को वृक्ष लगाने का कार्य करना चाहिए किंतु पौधा रोपण वही करें जहां पानी हो, इससे हमारा पानी भी बचेगा और हमारे वृक्ष भी बड़े होंगे इसलिए पौधा रोपण स्थान और जगह देखकर ही करें। हम दिन- रात जिस तरीक़े से प्रकृति का दोहन कर रहे हैं, यह हम सबके लिए खतरनाक है। यदि हम अच्छा काम करेंगे, तो उसका लाभ हमारे बच्चों को मिलेगा। हम क्या करना चाहते हैं यह हमें तय करना पड़ेगा।

जल स्रोतों के पास लगायें निम्न वृक्ष

मंत्री पटेल ने कहा कि जल स्रोतों के पास कौन से पौधे लगाये जायें, जो जल के स्रोत को प्रवाहमान बनाये रख सकें इसके लिए हमें उन पौधों की जानकारी भी हो। ऐसी सूची बनाकर लोगों तक पहुँचाएँ, जिससे लोगों को पता चल सके। बरसात के पानी का संरक्षण वर्तमान समय की आवश्यकता है। यह भू-जल स्तर वृद्धि में सहायक सिद्ध होगा। मंत्री पटेल ने जानकारी देते हुए कहा कि जल स्रोतों के पास बहेड़ा, हर, आम, महूआ, नीम, खिन्नी, सेमर, बांस, बेल, केत आदि प्रकार के पेड़ लगाये जाये।

मानस यात्रा के दौरान मंत्री पटेल ने सागर ज़िले के सुनार नदी के उद्गम स्थल, रायसेन ज़िले के धसान नदी एवं बीना नदी के उद्गम स्थल पर भी जल गंगा अभियान के तहत पूजन, वृक्षारोपण और जनसंवाद किया।