उत्तर कोरिया ने कर दिया खेला, यूक्रेन युद्ध के बीच रूस को दिए खतरनाक हथियार; भड़का अमेरिका…
यूक्रेन युद्ध के बीच उत्तर कोरिया ने रूस की बड़ी मदद की है। किम जोंग उन सरकार रूस को कई घातक हथियार उपलब्ध कराए हैं। खुद अमेरिका ने ये दावा…
यूक्रेन युद्ध के बीच उत्तर कोरिया ने रूस की बड़ी मदद की है। किम जोंग उन सरकार रूस को कई घातक हथियार उपलब्ध कराए हैं। खुद अमेरिका ने ये दावा किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने हाल ही में सार्वजनिक की गई खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि उत्तर कोरिया ने रूस को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में इस्तेमाल के लिए बैलिस्टिक मिसाइलें और लॉन्चर दिए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका इस घटनाक्रम को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष उठाएगा।
किर्बी ने उत्तर कोरिया द्वारा रूस को हथियार देने को “महत्वपूर्ण और चिंताजनक वृद्धि” बताया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका इन हथियार सौदों को सुविधाजनक बनाने वालों के खिलाफ अतिरिक्त प्रतिबंध लगाएगा।
किर्बी ने ये भी कहा कि ईरान ने रूस को करीबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें नहीं दी हैं, लेकिन अमेरिका का मानना है कि रूस ईरान से मिसाइल सिस्टम खरीदने का इरादा रखता है।
गौरतलब है कि यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल के लिए ड्रोन और अन्य हथियारों के लिए रूस ईरान पर बहुत अधिक निर्भर रहा है।
भारत ने यूक्रेन को तोप के गोले नहीं भेजे हैं
इससे पहले भारत ने बृहस्पतिवार को उन खबरों को खारिज कर किया, जिनमें यूक्रेन में भारत निर्मित तोप के गोले मिलने का दावा किया गया था और स्पष्ट रूप से कहा कि उसने यूरोपीय देश को कोई गोला-बारूद नहीं भेजा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने यूक्रेन को न तो तोप के गोले भेजे हैं और न ही उनका निर्यात किया है। उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा, “हमने इस संबंध में मीडिया में आई कुछ खबरें देखी हैं। हम स्पष्ट रूप से कह सकते हैं कि हमने यूक्रेन को तोप के गोले नहीं भेजे हैं।”
यूक्रेन में भारत निर्मित तोप के गोले देखे जाने की खबरों को लेकर पूछे एक सवाल के जवाब में जयसवाल ने यह टिप्पणी की। भारत कहता रहा है कि यूक्रेन में संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के जरिए हल किया जाना चाहिए।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को अपने यूक्रेन के समकक्ष दिमित्रो कुलेबा के साथ द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के तौर-तरीकों पर “उपयोगी” बातचीत की और यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर विचारों का आदान-प्रदान किया।