जून के पहले हफ्ते से इन राज्यों में नहीं सताएगी हीटवेव

देश में मानसून की एंट्री के बाद भी उत्तर भारत, मध्य भारत और पूर्वी भारत के कुछ शहरों में लू का कहर जारी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की तरफ…

जून के पहले हफ्ते से इन राज्यों में नहीं सताएगी हीटवेव

देश में मानसून की एंट्री के बाद भी उत्तर भारत, मध्य भारत और पूर्वी भारत के कुछ शहरों में लू का कहर जारी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की तरफ से जारी किए गए ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक, आने वाले चार से पांच दिनों तक इन क्षेत्रों में भयंकर लू की स्थिति देखी जा सकती है। हालांकि इसके बाद धीरे-धीरे इसकी तीव्रता में अब कमी आएगी। जबकि पांच से छह जून के बाद हीट वेव का असर समाप्त हो जाएगा।

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पांच जून से पहले ही मानसून पश्चिम बंगाल में भी प्रवेश कर चुका है और अगले दो से तीन दिन में मानसून के आगे बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग का अनुमान है कि दिल्ली समेत उत्तर भारतीय हिस्सों में चिलचिलाती गर्मी से कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है। कई राज्यों से पांच जून से हीट वेव का असर खत्म कम होने लगेगा। चार जून से राजस्थान के छिटपुट स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश देखी जा सकती है। इस दौरान यहां पर तेज हवाएं भी चलने की संभावना हैं। इसके अलावा पांच और छह जून को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तेज हवाएं चल सकती हैं। वहीं, दक्षिण पश्चिम मॉनसून का विस्तार अगले दो से तीन दिन में कर्नाटक के कुछ हिस्सों, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों तटीय आंध्र प्रदेश तक जा सकता है।

रेमल चक्रवात के कारण मानसून बंगाल की खाड़ी में मजबूत हुआ है, जिससे यह पूर्वोत्तर भारत तक पहुंच गया है, लेकिन अभी अरब सागर में कमजोर है। इसलिए मानसून के उत्तर पश्चिम तक पहुंचने में देरी हो सकती है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, मानसून को फिर से सामान्य होने में कुछ दिन और लगेंगे। इससे दक्षिण महाराष्ट्र और बाद में उत्तर-पश्चिम भारत में भी मानसून के प्रवेश में देरी हो सकती है। ऐसा अनुमान है कि जून माह में उत्तर पश्चिम भारत में बारिश सामान्य से कम हो सकती है। पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवात रेमल के कारण अगले पांच दिनों में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की बारिश, तूफान और तेज हवाएं चलने की संभावना है।