पाकिस्तान में क्यों ईसाई बस्ती पर टूटी कट्टरपंथियों की भीड़, अब 450 पर FIR और 25 अरेस्ट…
पाकिस्तान के सरगोधा जिले में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के लोगों ने ईसाई समुदाय के लोगों पर हमला बोल दिया। इस हमले में ईसाई समुदाय के कई प्रतिष्ठानों और घरों…
पाकिस्तान के सरगोधा जिले में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के लोगों ने ईसाई समुदाय के लोगों पर हमला बोल दिया।
इस हमले में ईसाई समुदाय के कई प्रतिष्ठानों और घरों में तोड़फोड़ की गई।
इसके अलावा दो लोग बुरी तरह जख्मी हुए हैं। नाजिम मसीह समेत ईसाई समुदाय के दो लोगों पर कट्टरपंथियों की भीड़ यह आरोप लगाते हुए टूट पड़ी थी कि इन्होंने कुरान का अपमान किया है।
यह घटना लाहौर से 200 किलोमीटर दूर सरगोधा जिले में हुई। इस मामले में अब तक 450 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है, जबकि 25 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
कट्टरपंथियों की भीड़ ने नाजिर मसीह के घर को घेर लिया। उन्हें बुरी तरह से पीटा और जूता फैक्ट्री को आग के हवाले कर दिया। मसीह की बुरी तरह से पिटाई की गई और ईसाई समुदाय के ही एक अन्य शख्स को भी भीड़ ने जमकर पीटा।
ईसाई समुदाय के 10 लोग भीड़ की चपेट में आ गए थे, जिन्हें पुलिस ने किसी तरह से बचाया। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यदि मौके पर पुलिस भारी फोर्स के साथ नहीं पहुंचती तो इन लोगों के साथ कुछ भी हो सकता था। यही नहीं उपद्रवी भीड़ ने पुलिस पर भी हमला बोल दिया। इसमें कम से कम 10 पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं।
एफआईआर में कहा गया है, ‘उपद्रवियों की भीड़ ने नाजिर मसीह को बुरी तरह से पीटा। मौके पर पुलिस पहुंच गई थी। इसके चलते मसीह और अन्य 10 लोगों को किसी तरह से बचा लिया गया।’ पुलिस का कहना है कि फिलहाल शहर में तनावपूर्ण शांति व्याप्त है।
बीते कुछ सालों में पाकिस्तान में तहरीक-ए-लब्बैक का तेजी से उभार हुआ है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘ईसाई समुदाय के लोगों की किस्मत अच्छी थी, जो पुलिस मौके पर भारी फोर्स के साथ पहुंच गई।’ नाजिर मसीह को सरगोधा के एक अस्पताल में एडमिट कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
सुरक्षा के लिए 2000 पुलिस वाले तैनात, किसी तरह बरकरार है शांति
यही नहीं नाजिर मसीह के सामने एक मुसीबत यह है कि कुरान के अपमान के आरोप में उनके ही खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। फिलहाल सरगोधा की मुजाहिद कॉलोनी में करीब 2000 पुलिस वालों को तैनात किया गया है। नाजिर मसीह के रिश्तेदार इफरान गिल मसीहने कहा कि उनके अंकल हाल ही में दुबई से आए थे और उन पर कुछ स्थानीय लोगों ने कुरान के अपमान का गलत आरोप लगा दिया। ईसाई परिवारों ने किसी तरह से उनकी जान बचाई।
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