इब्राहिम रईसी की मौत के बाद खामेनेई को अगले वफादार की तलाश, 28 जून को नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव…

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री अमीर-अब्दुल्लाहियन समेत 9 ईरानी अधिकारी हेलीकॉप्टर् क्रैश में मारे गए। रईसी की मौत के बाद ईरान में राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू…

इब्राहिम रईसी की मौत के बाद खामेनेई को अगले वफादार की तलाश, 28 जून को नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव…

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री अमीर-अब्दुल्लाहियन समेत 9 ईरानी अधिकारी हेलीकॉप्टर् क्रैश में मारे गए।

रईसी की मौत के बाद ईरान में राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू हो गया है। इन सबके बीच ईरान के सर्वोच्च नेता और धर्म गुरु अयातुल्ला खामेनेई ने कहा है कि रईसी की मौत से वह दुखी जरूर हैं लेकिन, काम प्रभावित नहीं होगा।

सरकारी मीडिया ने उनके हवाले से जानकारी दी कि 28 जून को नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव कराया जाएगा।

ईरान को अब रईसी के बाद उस चेहरे की जरूरत है जो खामेनेई का वफादार हो, ताकि भविष्य में खामेनेई की जगह ले सके। ईरान ने क्रैश  मामले में जांच भी शुरू कर दी है।

सरकारी मीडिया ने बताया कि ईरान ने घोषणा की है कि वह 28 जून को नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव कराएगा। यह घोषणा हेलीकॉप्टर दुर्घटना में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री समेत कुल 9 लोगों की मौत के बाद की गई है।

सरकारी टेलीविजन ने कहा, “न्यायपालिका, सरकार और संसद के प्रमुखों की बैठक में चुनाव कैलेंडर को मंजूरी दे दी गई।” बैठक के अनुसार, यह निर्णय लिया गया कि 14वां राष्ट्रपति चुनाव 28 जून को होगा।” इससे पहले ईरानियों ने सोमवार को राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया। 

खामेनेई का उत्तराधिकारी कौन?
63 साल के रईसी ने जब 2021 में ईरान के राष्ट्रपति की कुर्सी संभाली थी तो उन्हें अयातुल्ला खामेनेई के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा था।

उनकी मौत से इस्लामिक गणराज्य में राजनीतिक अनिश्चितता का दौर जरूर शुरू हो गया है लेकिन, ईरान ने तत्काल राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा करके यह दिखा दिया उनके देश में काम प्रभावित नहीं होगा।

हालांकि ईरान को अब नए राष्ट्रपति के लिए ऐसे रूढिवादी चेहरे की जरूरत है जो न सिर्फ ईरान का राष्ट्रपति नियुक्त किया जा सके, खामेनेई का वफादार भी हो।

इसलिए क्योंकि 85 साल के हो चुके खामेनेई को अब अपने नए उत्तराधिकारी की तलाश है, जो आने वाले वक्त में धर्मगुरू की कुर्सी पर उनकी जगह ले।

 63 वर्षीय रईसी को खामेनेई का विश्वासपात्र माना जाता था। राष्ट्रपति बनने से पहले रईसी ने न्यायिक सेवा में भी काम किया।

इस पद पर बने रहते हुए उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए जो आज भी विवादित हैं। राजनीतिक कैदियों को फांसी देने के लिए रईसी की दुनिया भर में काफी आलोचना भी हुई थी।

हेलीकॉप्टर क्रैश की जांच शुरू

उधर, ईरानी सरकार ने हेलीकॉप्टर क्रैश मामले में जांच शुरू कर दी है। ब्रिगेडियर अली अब्दुल्लाही टीम के साथ मौके पर पहुंचे।