चुनाव नतीजों के दिन 4 जून को किस करवट बैठेगा शेयर मार्केट, पीएम मोदी ने बताया…
चुनाव नतीजों को लेकर भले ही घरेलू शेयर बाजार और उसके विश्लेषक असंमजस में हैं, लेकिन पीएम मोदी ने दलाल स्ट्रीट की इस बेचैनी को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। पीएम…
चुनाव नतीजों को लेकर भले ही घरेलू शेयर बाजार और उसके विश्लेषक असंमजस में हैं, लेकिन पीएम मोदी ने दलाल स्ट्रीट की इस बेचैनी को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। पीएम मोदी ने 4 जून के बाद शेयर बाजार किस करवट बैठेगा, इसकी भविष्यवाणी की है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निवेशकों को 4 जून से पहले खरीदारी की सलाह दी थी।
आज लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवें चरण की वोटिंग हो रही है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीटीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में चुनाव नतीजों पर दलाल स्ट्रीट में घबराहट को कम करते हुए कहा, “आप देखिए जिस दिन चुनाव नतीजे आएंगे और उस पूरे हफ्ते शेयर बाजार के प्रोग्रामर इस कार्रवाई से थक जाएंगे।”
पीएम मोदी ने कहा, “हमारी सरकार ने मैक्सिमम इकोनॉमिक रिफॉर्म्स किया है। इंटरप्रेन्योरशिप पॉलिसी हमारी इकोनॉमी को बहुत बड़ा बल देती है। पिछले 10 वर्षों में बाजार 25,000 से 75,000 के स्तर पर पहुंच गया है।”
उन्होंने पीएसयू स्टॉक्स में तेजी की ओर इशारा करते हुए कहा, “जितना अधिक सामान्य नागरिक शेयर मार्केट में निवेश करते हैं, इकोनॉमी को उतना ही बल मिलता है। हर नागरिक की जोखिम उठाने की क्षमता बढ़नी चाहिए।”
पीएयू कंपनियों के प्रदर्शन पर उन्होंने एचएएल का उदाहरण देते हुए कहा कि एचएएल 4000 करोड़ से अधिक प्रॉफिट कमाया है। पीएम मोदी ने बताया कि पहले सरकारी कंपनियों के शेयर का मतलब ही होता था गिरना, लेकिन आज स्टॉक मार्केट में उनकी वैल्यू अनेक गुना बढ़ रही है।
चुनाव नतीजे बनाम शेयर मर्केट पर एक्सपर्ट्स की राय
एमयूएफजी बैंक ने कहा, “अगर बीजेपी लोकसभा में फिर से बहुमत में आती है तो हमें लगता है कि बाजार को आम चुनावों के नतीजे को सकारात्मक रूप से देखना चाहिए।”
मिरे एसेट ने कहा कि अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो सभी की निगाहें जुलाई के बजट पर होंगी। कैपिटल मार्केट्स ने कहा कि लंबी अवधि में उनका ध्यान बुनियादी ढांचे के विकास, कृषि कानूनों, कौशल विकास और ग्रामीण भारत से मांग बढ़ाने के लिए विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार पैदा करने पर होगा।”
पिछले हफ्ते फिलिपकैपिटल ने कहा था कि अगर बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए बहुप्रचारित 400 से अधिक के लक्ष्य को हासिल कर लेता है तो उसे जोरदार रैली देखने को मिलेगी। “अगर एनडीए को 300 से 330 सीटों से कम मिलती है और बाजार में गिरावट होती है तो हम इसे खरीदारी के अवसर के रूप में मानेंगे।”