बस पर चढ़ने के लिए ऐसी दौड़ी भीड़, एक-दूसरे के ऊपर कूदे; VIDEO में देखें लंदन का नजारा…

लंदन की सड़क का एक नजारा सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में बस स्टॉप पर भारी भीड़ को बस के अंदर घुसने के लिए संघर्ष करते…

बस पर चढ़ने के लिए ऐसी दौड़ी भीड़, एक-दूसरे के ऊपर कूदे; VIDEO में देखें लंदन का नजारा…

लंदन की सड़क का एक नजारा सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

वीडियो में बस स्टॉप पर भारी भीड़ को बस के अंदर घुसने के लिए संघर्ष करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में कुछ महिलाएं भीड़ में यह कहते हुए भी सुनाई दे रही हैं कि बुजुर्गों का तो लिहाज करो।

इस वीडियो को सोशल मीडिया पर लाखों लोगों द्वारा देखा जा चुका है। यूजर्स के रिएक्शन भी आ रहे हैं। लोग अफसोस जता रहे हैं कि शिष्टाचार कहां चला गया? 

लंदन में बस स्टॉप पर भारी भीड़ को बस के अंदर जाने वाले वायरल वीडियो में एक शख्स को नवनियु्क्त मेयर सादिक खान का नाम लेते हुए सुना जा सकता है।

शख्स लंदन के बुरे हाल के लिए उन्हें दोषी ठहरा रहा है। बता दें कि पाकिस्तानी मूल के मेयर सादिक खान ने लगातार तीसरी बार मेयर का चुनाव जीता है। उन्होंने ऋषि सुनक की पार्टी की उम्मीदवार को शिकस्त दी। 

वायरल वीडियो बीते 13 मई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया गया था। हालांकि हम यह दावा नहीं कर सकते कि वीडियो कबका है? हालांकि वीडियो कुछ ही दिनों में 1 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है और संख्या लगातार बढ़ रही है।

लोग हैरान हैं कि लंदन जैसे शिष्ट शहर में लोगों को क्या हो गया? जो इस तरह बस पर बेतरतीब तरीके से चढ़ रहे हैं। 

वीडियो में दिख रहा है कि दो बुजुर्ग महिलाएं बस से थोड़ी दूर लोगों की भीड़ देखकर परेशान हो रहे हैं। दोनों में से किसी ने भी भीड़ में घुसने से परहेज किया। 

वीडियो पर लोगों के रिएक्शन
इंटरनेट में इस वीडियो पर जमकर रिएक्शन भी सामने आए हैं। एक व्यक्ति ने कहा, “व्यवस्थित और सभ्य तरीके से कतार में लगने का क्या हुआ? यह लंदन है? मुझे लगा कि यह बेंगलुरु में कहीं है।”

एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, “अब यह  नजारा हर जगह है। ऐसा लगता है कि अब किसी के पास कोई सम्मान या शिष्टाचार नहीं है।”

तीसरे ने लिखा, “दुर्भाग्य से, मैं यहां से ज़्यादा दूर नहीं रहता हूं। ऐसा दिख रहा है कि मानों कुछ लोगों को पता ही नहीं है कि लाइन लगाना क्या होता है? कई बार तो मुझे लोगों को ऊंची आवाज में समझाना पड़ा। इन लोगों के मन में कोई सम्मान नहीं है, बुजुर्गों या विकलांगों के लिए भी नहीं। बहुत बुरा समय।”