अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच के बाद सेबी ने 6 कंपनियों को भेजा कारण बताओ नोटिस…

 हिंडनबर्ग की छाया से अभी अडानी ग्रुप मुक्त हुआ ही था कि सेबी ने इसकी 6 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस थमा दिया। इन कंपनियों पर रिलेटिव पार्टी ट्रांजैक्शन के…

 हिंडनबर्ग की छाया से अभी अडानी ग्रुप मुक्त हुआ ही था कि सेबी ने इसकी 6 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस थमा दिया।

इन कंपनियों पर रिलेटिव पार्टी ट्रांजैक्शन के कथित उल्लंघन, लिस्टिंग नियमों का अनुपालन न करने और अतीत में ऑडिटर सर्टिफिकेट्स की वैधता के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड से कारण बताओ नोटिस मिला है।

ग्रुप की कंपनियों ने स्टॉक एक्सचेंजों को अपनी नियामक फाइलिंग में यह जानकारी दी है।

गुरुवार को गौतम अडानी की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने कहा कि उसे 31 मार्च को समाप्त तिमाही में दो कारण बताओ नोटिस मिले हैं।

अडानी पोर्ट्स, अडानी पावर, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडानी विल्मर और अडानी टोटल ने भी इस सप्ताह कारण बताओ नोटिस के बारे में शेयर बाजार को सूचित किया है।

अडानी एंटरप्राइजेज ने कहा कि जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप की कंपनियों पर प्रकाशित हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद, अडानी एंटरप्राइजेज ने एक कानूनी फर्म द्वारा एक स्वतंत्र असेसमेंट के जरिए अप्रैल 2023 में शॉर्ट-सेलर रिपोर्ट में रेफर्ड ट्रांजैक्शन को रिव्यू किया।

कंपनी ने स्पष्ट किया कि कानूनी फर्म के मूल्यांकन से पता चला है कि एसएसआर में उल्लिखित कथित संबंधित पक्षों में से कोई भी मूल कंपनी या उसकी सहायक कंपनियों से संबंधित पक्ष नहीं था।

ग्रुप ने कहा-नोटिस का असर होने की संभावना नहीं

इन कंपनियों ने कहा कि कानूनी आधार पर नियामक के नोटिस का असर होने की संभावना नहीं है।

हालांकि, अडानी विल्मर और अडानी टोटल गैस को छोड़कर, इन संस्थाओं के ऑडिटर्स की राय के अनुसार सेबी की जांच के नतीजे भविष्य में फाइनेंशियल स्टेटमेंट को प्रभावित कर सकते हैं।

अडानी एंटरप्राइजेज के ऑडिटरों ने राय में कहा, ”परिस्थितियों में किसी भी बदलाव या उपलब्ध अतिरिक्त जानकारी के आधार पर हम अपनी राय पर इस मामले के प्रभाव का मूल्यांकन करना जारी रखेंगे।”

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की जांच के बाद नोटिस

ये नोटिस अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सेबी की जांच के बाद जारी किए गए है। कारण बताओ नोटिस कोई अभियोग नहीं है।

यह कंपनियों से यह बताने के लिए कहता है कि उनके खिलाफ मोनेटरी पेनॉल्टी सहित कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।

आरोप हैं कि कंपनी ने अपेक्षित अप्रूवल प्राप्त नहीं किया है, और फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स/एन्युअल रिपोर्ट में आवश्यक खुलासा नहीं किया है। अडानी पावर ने कहा कि उसने सेबी के नोटिस का जवाब दे दिया है।

सेबी ने अगस्त में सुप्रीम कोर्ट को दी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उसने 13 विशिष्ट संबंधित पार्टी लेनदेन की पहचान की है, जहां वह अंडरलेइंग डील की जांच कर रहा है।

बता दें जनवरी 2023 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में 6,000 से अधिक पार्टी रिलेटेड लेनदेन का उल्लेख किया गया और उनकी उपयुक्तता पर सवाल उठाया गया।