दो मुस्लिम दुश्मन देश बढ़ा रहे थे दोस्ती का हाथ, तभी US ने कर दी बड़ी स्ट्राइक; मुश्किल में क्यों चीन-पाकिस्तान…
इजरायल से टकराव और तनातनी की चरम स्थिति के बीच ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी तीन दिनों के पाकिस्तान दौरे पर आज इस्लामाबाद पहुंचे हैं, जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज…
इजरायल से टकराव और तनातनी की चरम स्थिति के बीच ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी तीन दिनों के पाकिस्तान दौरे पर आज इस्लामाबाद पहुंचे हैं, जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
दोनों देशों ने इस दौरान आपसी व्यापार और संचार बढ़ाने का फैसला लिया और आतंकवाद के खात्मे के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई।
ये प्रगति तब हुई है, जब हाल ही में दोनों देश आतंकी हमलों के खिलाफ एक-दूसरे पर कार्रवाई कर चुके हैं लेकिन पाकिस्तान में 8 फरवरी को हुए आम चुनावों के बाद दोनों देशों ने रिश्ते सुधारने का फैसला किया।
इस बीच, अमेरिका ने इन दोनों देशों को दुश्मन से दोस्त बनता देख पाकिस्तान पर बड़ी कार्रवाई की है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने पाकिस्तान में बैलेस्टिक मिसाइल के निर्माण के लिए सामान उपलब्ध कराने वाली चीन की तीन और बेलारूस की एक कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा है कि उनका देश वैसी चार कंपनियों पर बैन लगा रहा है जो बड़े पैमाने पर तबाही फैलाने वाले हथियारों के निर्माण और उनके प्रसार में शामिल रहे हैं।
इन कंपनियों में चीन की जियांग लॉन्ग टेक्नोलॉजी डेवपमेंट कंपनी लिमिटेड, तियानजिंग क्रिएटिव इंटरनेशनल ट्रेड कंपनी लिमिटेड और ग्रीनपैक्ट कंपनी लिमिटेड है।
इनके अलावा बेलारूस की कंपनी मिंस्क व्हील ट्रैक्टर प्लांट पर भी अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है। अमेरिकी सरकार के बयान के मुताबिक इन चारों कंपनियों द्वारा सप्लाई किए गए सामानों से पाकिस्तान में बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम में मदद मिली है।
दूसरी तरफ पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसे अमेरिका की इस तरह की कार्रवाई की जानकारी नहीं है। इसके अलावा पाकिस्तान का कहना है कि वह राजनीतिक उद्देश्यों के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की नीति को रद्द करता है।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि अतीत में भी केवल शक के आधार पर ऐसे प्रतिबंध लगाए गए थे। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जोहरा बलोच ने कहा है कि अमेरिका पहले भी बिना सबूत के इस तरह का प्रतिबंध लगाता रहा है।
बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस बावत एक फैक्ट शीट भी जारी किया है। इसके मुताबिक, लंबी दूसी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल के निर्माण के लिए चीनी कंपनियों ने पाकिस्तान को कल पूर्जे और स्टिर वेल्डिंग के सामान एवं फिलामेंट वाइंडिंग मशीन उपलब्ध कराए हैं।
अमेरिका के मुताबिक स्टिर वेल्डिंग का सामान स्पेस लॉन्च व्हीकल में इस्तेमाल होने वाले प्रोपेलेंट टैंकों की तैयारी में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। पाकिस्तान में MTCR (मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम) कैटेगरी-1 बैलिस्टिक मिसाइल का निर्माण किया जाता रहा है।
अमेरिकी फैक्ट शीट के मुताबिक बेलारूस की मिंस्क व्हील ट्रैक्टर प्लांट ने पाकिस्तान को बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के लिए विशेष गाड़ियों के शैसी (चेसिस) उपलब्ध कराए हैं। अब अमेरिका के इस कदम से चीन और पाकिस्तान दोनों तिलमिला उठे हैं।
दरअसल, अमेरिका ने प्रतिबंध लगाते हुए दो टूक कहा है कि उन चारों कंपनियों के अमेरिका में मौजूद सभी संपत्तियां फ्रीज कर दी जाएंगी। इ
सके अलावा इन कंपनियों के मालिकों पर अमेरिका आने-जाने पर पाबंदी समेत अमेरिकी नागरिकों के साथ कारोबार पर भी रोक लगा दी जाएगी।
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