भारत में चुनाव हैं, लग सकते हैं अघोषित कर्फ्यू; अपने लोगों को संभलकर रहने को बोल रहा कनाडा…
भारत में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कनाडा ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। कनाडा का कहना है कि भारत में विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं। कनाडा…
भारत में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कनाडा ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है।
कनाडा का कहना है कि भारत में विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं। कनाडा ने भारत ने में ‘अघोषित कर्फ्यू’ की भी आशंका जता दी है।
खास बात है कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने की आशंका जताए जाने के बाद से ही दोनों मुल्कों के बीच रिश्ते तल्ख हैं।
कनाडा की तरफ से बुधवार को जारी ट्रेवल एडवाइजरी में कहा गया है कि भारत में रहते हुए ज्यादा से ज्यादा सतर्कता बरतें।
इसके अलावा संसदीय चुनावों को लेकर भी एडवाइजरी में एक पार्ट शामिल किया गया है, जिसमें लिखा है, ‘आम चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून 2024 तक तय हैं। चुनाव के पहले, चुनाव के दौरान और इसके बाद में प्रदर्शन हो सकते हैं।’
कनाडा ने अपने नागरिकों को चेताया है कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान यातायात की समस्या हो सकती है और पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी प्रभावित हो सकता है।
कनाडा का कहना है कि इस दौरान ‘बगैर नोटिस के भी कर्फ्यू लगाए जा सकते हैं।’ उसने यात्रियों को ऐसी जगहों से दूर रहने की सलाह दी है, जहां बड़े स्तर पर लोग जुट रहे हैं या प्रदर्शन हो रहे हैं।
इसके अलावा कनाडा की तरफ से जारी एडवाइजरी में कई पुरानी बातें भी शामिल हैं, जो उसने बीते साल अक्टूबर में जारी की थी। उस दौरान कनाडा ने कहा था, ‘कनाडा और भारत के बीच हुए घटनाक्रमों के संदर्भ में पारंपरिक मीडिया और सोशल मीडिया में कनाडा के खिलाफ नकारात्मक भावनाएं और विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया जा रहा है।
कनाडा विरोधी प्रदर्शन हो सकते हैं, जिसमें कनाडा के लोगों को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ सकता है।’
तब कहा गया था, ‘दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आपको अजनबियों के साथ लो प्रोफाइल रहना चाहिए और अपनी निजी जानकारियां साझा नहीं करनी चाहिए।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट समेत भीड़ वाली जगहों से बचना चाहिए। आपको हमेशा किसी के साथ यात्रा करनी चाहिए और अपने दोस्तों या परिवार को यात्रा के बारे में बताना चाहिए।’
एडवाइजरी में खासतौर से बेंगलुरु, चंडीगढ़ और मुंबई का जिक्र किया गया था। भारत ने कनाडा के खिलाफ ऐक्शन लिया था, जिसके बाद 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया गया था।