मॉक पोल के दौरान BJP को पड़े एक्स्ट्रा वोट? चुनाव अधिकारी ने बताया पूरा मामला…
क्या केरल के कासरगोड में ‘मॉक पोल’ के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में बीजेपी के लिए एक्स्ट्रा वोट पड़े? निर्वाचन आयोग ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में…
क्या केरल के कासरगोड में ‘मॉक पोल’ के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में बीजेपी के लिए एक्स्ट्रा वोट पड़े? निर्वाचन आयोग ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया, जिसमें कहा गया कि अतिरिक्त वोट दिखने के आरोप झूठे हैं।
एसएसी उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिनमें ईवीएम से डाले गए वोट का ‘वोटर वेरिफियेबिल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (VVPAT) से पूरी तरह सत्यापन करने की मांग की गई थी।
सीनियर डिप्टी इलेक्शन कमीश्नर नीतेश कुमार व्यास ने इसे लेकर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ को जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘ये खबरें गलत हैं।
हमने जिलाधिकारी से आरोपों की पड़ताल की है और यह बात सामने आई है कि ये गलत हैं। हम अदालत में विस्तृत रिपोर्ट जमा करेंगे।’
नीतेश कुमार व्यास पीठ को EVM की कार्यशैली के बारे में बताने के लिए अदालत में उपस्थित थे। इससे पहले, गुरुवार को दिन में शीर्ष अदालत ने निर्वाचन आयोग की ओर से पेश हुए सीनियर वकील मनिंदर सिंह से इस मुद्दे पर विचार करने को कहा था।
वकील प्रशांत भूषण ने इस मुद्दे को उठाया था। याचिकाकर्ता एनजीओ ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ की ओर से भूषण ने अदालत में दलील दी।
उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरें हैं कि ईवीएम ‘मॉक पोल’ की कवायद के दौरान एक अतिरिक्त वोट दर्शा रही थीं।
आरोपों पर अधिकारी ने क्या दी सफाई
केरल में 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव को लेकर मतदान होना है। इससे पहले ईवीएम की कमीशनिंग के हिस्से के रूप में बुधवार को कासरगोड में मॉक पोल कराया गया था।
ईवीएम की शुरुआती जांच के बाद उन्हें मॉक पोल के लिए लाया गया। यह प्रक्रिया उम्मीदवारों या उनकी ओर से नियुक्त एजेंटों के सामने होती है।
जब मॉक पोल के लिए मशीनें चालू की गईं तो कुछ गंभीर आरोप लगे। यह दावा किया गया कि भाजपा पार्टी के प्रतीक के साथ अतिरिक्त वीवीपैट पर्चियां बाहर आईं।
इसे लेकर सीईओ संजय कौल ने कासरगोड जिला कलेक्टर इम्बासेकर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बात समझायी। उन्होंने कहा कि इन वीवीपैट पर्चियों पर गिनने योग्य नहीं का मैसेज लिखा हुआ था, जो कि दूसरी वीवीपैट पर्चियों की तुलना में लंबी थीं।
इस तरह की पर्चियां 4 ईवीएम से निकलीं। ये शुरुआती जांच पर्चियां थीं, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि मशीनें सही से काम कर रही हों।