इजरायल के खिलाफ ईरान की जंग नहीं आसां, खिलाफ में कैसे एक हो गए छह मुस्लिम मुल्क; टेंशन में 16 देश…
ईरान के हमले के बाद जहां अमेरिका-ब्रिटेन समेत दुनियाभर के देश इजरायल को जवाबी हमला नहीं करने की हिदायत दे रहे हैं, वहीं इजरायल की युद्ध कैबिनेट ने आज दोपहर…
ईरान के हमले के बाद जहां अमेरिका-ब्रिटेन समेत दुनियाभर के देश इजरायल को जवाबी हमला नहीं करने की हिदायत दे रहे हैं, वहीं इजरायल की युद्ध कैबिनेट ने आज दोपहर 2 बजे (स्थानीय समयानुसार) फिर बैठक की और ईरान को जवाब देने की रणनीति पर चर्चा की।
इस बीच, इजरायली सेना ने मध्य गाजा के नुसीरात शरणार्थी शिविर पर फिर से बम बरसाए, जिसमें पांच लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए। उधर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी इजरायल के खिलाफ ईरान के जवाबी हमलों पर चर्चा के लिए बैठक की है।
दो मोर्चों पर इजरायल की लड़ाई और मध्य पूर्व में बढ़ते क्षेत्रीय संघर्ष की वजह से अब तक 16 देश इसके लपेटे में आ चुके हैं। इसमें मध्य-पूर्व के देशों के साथ-साथ अमेरिका और ब्रिटेन भी शामिल हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के छह पड़ोसी मुस्लिम देश भी इसमें शामिल हैं, जो उसके खिलाफ हो गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जब ईरान ने इजरायल पर 300 से ज्यादा मिसाइल और ड्रोन से हमला किया, तब अमेरिका ने इराक, जॉर्डन, कुवैत, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम लॉन्च कर ईरानी मंसूबों को मटियामेट कर दिया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका समेत इजरायल को पहले ही भनक लग गई थी कि ईरान इजरायल पर किस तीव्रता और कितने बड़े पैमाने पर हमला बोलने वाला है।
इसके बाद अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने इन छह मुस्लिम देशों में तैनात पैट्रियट और टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम को अलर्ट कर दिया।
इससे ईरानी ड्रोन और मिसाइल आसमान में ही ध्वस्त हो गए। इजरायल में भी 512 गुप्त स्थानों पर ऐसी ही सुरक्षा तंत्र की तैनाती की गई थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जब शनिवार को ईरान ने इजरायल पर अटैक किया, तब कुवैत, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और सऊदी अरब में तैनात अमेरिकी विमान – इजरायल को सुरक्षा कवच देने के लिए एक-दूसरे से संवाद कर रहे थे और सहयोग कर रहे थे।
इस बीच, अमेरिका की केंद्रीय खुफिया इंटेलिजेंस एजेंसी के निदेशक विलियम बर्न्स ने तुर्की के राष्ट्रीय खुफिया संगठन के निदेशक इब्राहिम कलिन से फोन पर बात की और उनसे इजरायल तथा ईरान के बीच संघर्ष में मध्यस्थ के रूप में कार्य करने के लिए कहा है।
तुर्की मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने अमेरिकी समकक्ष के साथ बैठक के बाद कलिन ने फिलिस्तीनी आंदोलन हमास के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की है।
बता दें कि ईरान ने सीरिया की राजधानी दमिश्मक में स्थित उसके राजनयिक परिसर पर एक अप्रैल को हुए हमले का संदेह इजराइल पर जताया था, जिसमें ईरानी इस्लामिक रिवल्यूशनरी गार्ड के एक वरिष्ठ जनरल सहित सात सदस्यों की मौत हो गई थी।
ईरान ने इस हमले के जवाब में शनिवार को पहली बार अपनी जमीन से इजराइल पर सीधे तौर पर हमला बोल दिया।
इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) के आंकड़ों के अनुसार शनिवार की रात, ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर ने इजरायली क्षेत्र पर अपने पहले सीधे हमले में इजरायल पर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागीं।
आईडीएफ के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा कि इजरायल ने सभी ड्रोन सहित ईरान द्वारा दागे गए 99 प्रतिशत हवाई लक्ष्यों को रोक दिया था।