ईरान ने इजरायल पर दागे करीब 200 मिसाइल और ड्रोन, कितनी मचाई तबाही; सेना ने सब बताया…
ईरान ने इजरायल के ऊपर करीब 200 मिसाइलें और ड्रोन दागे हैं। हालांकि, इजरायली सेना का कहना है कि इनमें से ज्यादातर को हवा में ही मार गिराया गया। अटैक…
ईरान ने इजरायल के ऊपर करीब 200 मिसाइलें और ड्रोन दागे हैं।
हालांकि, इजरायली सेना का कहना है कि इनमें से ज्यादातर को हवा में ही मार गिराया गया। अटैक के चलते इजरायल डिफेंस फोर्स के बेस पर थोड़ा-बहुत नुकसान पहुंचा है।
आईडीएफ के मुताबिक, एरो एयर डिफेंस सिस्टम के जरिए ईरानी मिसाइलों को इजरायली एयरस्पेस तक पहुंचने से पहले ही ध्वस्त कर दिया गया।
मिसाइल और ड्रोन हमले के चलते इजरायली के दक्षिणी हिस्से में स्थित बेस को क्षति पहुंची है। इजरायली सेना का कहना है कि इससे इंफ्रास्ट्रक्चर डैमेज जरूर हुआ है मगर बड़े पैमाने पर नुकसान की जानकारी नहीं है।
इजरायली सेना के अनुसार, ईरान की ओर से लॉन्च किए गए दर्जनों ड्रोन और क्रूज मिसाइलों को लड़ाकू विमानों ने भी मार गिराया गया।
IDF की ओर से कहा गया, ‘इजरायल की ओर बढ़ रहे सभी हवाई खतरों को रोकने के लिए वायुसेना के विमान तैनात कर दिए गए हैं।’
इस बीच, होम फ्रंट कमांड का कहना है कि इजरायलियों को अब बम शेल्टर्स के करीब रहने की जरूरत नहीं है। हालांकि, सभाओं पर प्रतिबंध और सभी शैक्षणिक गतिविधियों पर रोक जारी रहेगी।
फिलहाल, IAF लड़ाकू जेट और इजरायली नौसेना के जहाजों के साथ IDF एरियल डिफेंस ऐरे हाई अलर्ट पर है, जो इजरायली वायु और नौसैनिक क्षेत्र में रक्षा मिशन पर हैं। IDF सभी लक्ष्यों की निगरानी कर रहा है।
यहां समझें क्या है पूरा विवाद
दरअसल, सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर कुछ दिनों पहले घातक इजरायली हवाई हमला हुआ था। इसके बाद ईरान ने इजरायल पर हमलों की कड़ी शुरू करने के लिए लोकल प्रॉक्सी का उपयोग करने की योजना बनाई।
हालांकि, ईरान ने इस बीच संकेत दिया कि अगर उसकी मांगें पूरी कर दी जाती हैं, तो वह तनाव कम करने को तैयार है। तेहरान ने साफ किया कि प्रतिक्रिया नियंत्रित होगी और तनाव को बढ़ावा देने वाली नहीं होगी।
ईरान की ओर से कहा गया कि वो गाजा पट्टी में युद्धविराम सहित अपनी मांगें पूरी होने तक इससे पीछे हटने वाला नहीं है। ईरान परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत फिर से शुरू करना चाहता है।
ईरान अमेरिका से यह आश्वासन भी चाहता था कि वह नियंत्रित हमले की स्थिति में शामिल नहीं होगा, जिसे यूएस ने कथित तौर पर खारिज कर दिया।