सोने की कीमतों में गिरावट का कर रहे हैं इंतजार तो पढ़ें यह खबर…
शादियों के सीजन से पहले सोना 72000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को भी पार कर गया है। जिनके घर में शादी पड़ी है, वे लोग असमंजस में हैं।…
शादियों के सीजन से पहले सोना 72000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को भी पार कर गया है।
जिनके घर में शादी पड़ी है, वे लोग असमंजस में हैं। सोना खरीदें या नहीं खरीदें? दाम कम होंगे या भाव ₹75000 के पार तो नहीं चला जाएगा? अगर इस तरह के सवाल आपके भी मन में उठ रहे हैं तो इस खबर में आपके सारे सवालों के जवाब हैं(
दुनिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण घरेलू और वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतें बढ़ी हैं। गुरुवार, 11 अप्रैल को घरेलू बाजार में 10 ग्राम शुद्ध सोने (24 कैरेट) की कीमत लगभग ₹72,120 पर पहुंच गई।
जबकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने का हाजिर भाव 0.6% की बढ़त के साथ 2,345.56 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। इतना ही नहीं, अमेरिकी सोना वायदा भी 0.6% बढ़कर 2,362.80 डॉलर पर पहुंच गया।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक डेटा से पता चला है कि मार्च में अमेरिकी मुद्रास्फीति पूर्वानुमान से अधिक हो गई, जिससे जून में ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हो गई।
इस अप्रत्याशित महंगाई ने बाजार के रणनीतिकारों को कड़ी मौद्रिक नीति की लंबे समय तक जारी रखने के लिए प्रेरित किया है। यही वजह है कि मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के खिलाफ बचाव के रूप में सोने को सपोर्ट मिल रहा है।
केंद्रीय बैंक की खरीदारी
इस भू-राजनीतिक जोखिमों के बीच सुरक्षित निवेश और फंड मांग ने सामूहिक रूप से इस वर्ष अब तक सोने में 14% की बढ़त हासिल की है।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊंची ब्याज दरें आम तौर पर सोने जैसी नॉन-यील्ड वाली एसेट्स को रखने के आकर्षण को कम कर देती हैं, लेकिन मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव ने इस प्रभाव को कम कर दिया है, जिससे सोने की कीमतें बढ़ गई हैं।
कब तक रहेगा तेजी का दौर
विशेषज्ञों का अनुमान है कि सोने की कीमतों में तेजी जारी रहेगी। जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के सदस्य नीरव भंसाली का अनुमान है कि साल के अंत तक सोने की कीमतें ₹75,000 प्रति 10 ग्राम तक बढ़ सकती हैं।
ऐसे में निवेशकों को क्या करना चाहिए?
अगर आप सोना खरीदना चाहते हैं तो कीमतों में गिरावट का इंतजार करना ठीक नहीं रहेगा, क्योंकि दाम कम होने की कोई गारंटी नहीं हैऔर कीमतें पहुंच से बाहर रह सकती हैं। निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो का आकलन करना चाहिए और एक हिस्सा आमतौर पर 10% या उससे कम सोने में लगाने पर विचार करना चाहिए।