हिटलर से कम नहीं नेतन्याहू, इजरायल के ऐक्शन से फूटा हमास के हमदर्द तुर्किये का गुस्सा; भड़के एर्दोगन…
तुर्किये का एक बार फिर इजरायल पर गुस्सा फूटा है। तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की तुलना हिटलर से कर दी है। उन्होंने कहा…
तुर्किये का एक बार फिर इजरायल पर गुस्सा फूटा है। तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की तुलना हिटलर से कर दी है।
उन्होंने कहा कि बेंजामिन नेतन्याहू एडॉल्फ हिटलर से अलग नहीं है। एर्दोगन ने गाजा पर इजरायल के हमलों की तुलना नाजियों द्वारा यहूदी लोगों के साथ किए गए दुर्व्यवहार से की है।
पश्चिमी देशों द्वारा लगातार इजरायल को दिए जा रहे समर्थन पर भी एर्दोगन का गुस्सा फूटा है। इससे पहले तुर्कीये के राष्ट्रपति ने गाजा में युद्ध के बाद उसे फिर से बसाने का निश्चय किया था।
तैयप एर्दोगन ने कहा कि युद्ध के बाद गाजा का शासन और भविष्य अकेले फिलिस्तीनियों द्वारा तय किया जाएगा, किसी और द्वारा नहीं। एक बार फिर से गाजा को खड़ा करने में तुर्किये उसकी मदद करेगा।
हमास को कुचल कर मानेगा इजरायल?
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच मौजूदा हालात की बात करें तो 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद से इजरायल ने जंग-ए-ऐलान किया हुआ है।
इजरायली बलों ने मध्य गाजा में स्थित शरणार्थी शिविरों पर गोलाबारी की। माना जा रहा है कि चारों तरफ से घिरे क्षेत्र के तीसरे खंड में अपने जमीनी हमले को विस्तारित करने की संभावित तैयारी के तहत इजराइल ने यह कार्रवाई की है। संभावित नए युद्ध क्षेत्र का खुलना इंगित करता है कि आगे की राह विनाशकारी और लंबी होने वाली है।
गाजा में छिड़ा है घमासान
कई हफ्तों से इजरायली सेना उत्तरी गाजा और दक्षिणी शहर खान यूनिस में भारी लड़ाई में जुटी हुई है, जिसने फलस्तीनियों को शरण लेने के लिए क्षेत्र के छोटे क्षेत्रों में धकेल दिया है।
संघर्ष विराम के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव और हताहत होने वाले नागरिकों की संख्या में कमी लाने के अमेरिकी आह्वान के बावजूद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को चेतावनी दी कि लड़ाई ‘खत्म’ होने के करीब नहीं है।
हाल में इजराइल की ओर से किया गया हमला सबसे विनाशकारी सैन्य अभियानों में से एक है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब तक 20,600 फिलिस्तीनी नागरिक मारे गये हैं जिनमें दो तिहाई बच्चे और महिलाएं हैं। मंत्रालय नागरिकों और लड़ाकों के बीच अंतर नहीं करता है।
बदले की आग में जल रहा ईरान
इस बीच इजरायल-हमास युद्ध से क्षेत्र के आसपास तनाव बढ़ने के नये संकेत मिले हैं। सीरिया में एक इजराइली हवाई हमले में एक ईरानी जनरल की मौत हो गई जिससे ईरान की ओर से बदला लेने के संकल्पों की शुरुआत हो गई है।
अमेरिकी लड़ाकू विमान ने ईरान समर्थित चरमपंथियों को इराक में निशाना बनाया जिन्होंने एक ड्रोन हमला करके वहां एक अमेरिकी सैनिक को घायल कर दिया था।
मध्य गाजा के निवासियों ने मंगलवार को गोलाबारी और हवाई हमलों की रात का वर्णन किया, जिससे नुसीरत, मघाजी और ब्यूरिज स्थित शिविर में रहने वाले लोग दहल गए। ये शिविर बसाए गए कस्बे हैं जिनमें 1948 के युद्ध के दौरान वर्तमान इजराइल स्थित अपने घरों से निकाले गए फलस्तीनी लोगों और उनके वंशजों को रखा गया है। अब इन शिविरों में उत्तर से भागे लोगों के आने से भीड़ बढ़ गई है।
फिलिस्तीनी शिक्षक राडवान अबू शेट्टा ने ब्यूरेज में अपने घर से फोन पर कहा, ”बमबारी बहुत तीव्र थी।” उन्होंने इजरायली सैनिकों के बारे में कहा, ”ऐसा लगता है कि वे आ रहे हैं।”
हमास की सैन्य शाखा ‘कासमी ब्रिगेड’ ने कहा कि उसके लड़कों ने ब्यूरेजी के पूर्व में एक इजराइली सैन्य टुकड़ी पर हमला किया है।
इसकी रिपोर्ट की स्वतंत्र रूप से अभी पुष्टि नहीं की जा सकी है, लेकिन इससे पता चलता है कि इजराइली सेना शिविर की तरफ बढ़ रही है।
युद्धक विमानों और तोपखाने से नुसीरात शिविर के पूर्व के इलाकों पर भी हमला किया गया। एक फलस्तीनी मछुआरे एजेल-दीन मोहम्मद अब्दुल्ला अल-मसरी ने कहा, “बमबारी के कारण हम सो नहीं सके।” अल-मसरी अपने पांच बच्चों और अन्य परिवार के साथ उत्तरी गाजा से क्षेत्र में विस्थापित हो गये थे। उन्होंने कहा, “हम डरे हुए हैं।”