पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में केंद्रीय साहू ने दिया बड़ा बयान
गौरेला पेण्ड्रा मरवाही छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने बड़ा बयान जारी किया है. उन्होंने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते…
गौरेला पेण्ड्रा मरवाही
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने बड़ा बयान जारी किया है. उन्होंने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अपराधियों के साथ सांठ-गांठ करना, उनको बचाना, कांग्रेस की संस्कृति रही है. यह उनकी प्रवित्ति है. सरकार उस पर जांच कर रही है. कांग्रेस ने समय रहते ही नक्सलियों को कुचल दिया होता, तो नक्सली नहीं पनप सकते थे
बता दें, कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने साल 2023 के अंतिम दिनों में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के खिलाफ सड़क निर्माण में करोड़ों के भ्रष्टाचार की रिपोर्ट की थी. इसके बाद 1 जनवरी को पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने अपने भाई को बताया कि ठेकेदार का भाई रितेश उन्हें लेने आ रहा है. इसके बाद से उनका मोबाइल फोन बंद आने लगा और उनका 3 जनवरी के दोपहर तक कोई पता नहीं चल सका था.
इधर परिजन और पत्रकार समूह उन्हें लेकर परेशान था. वहीं पत्रकार मुकेश के आखिरी लोकेशन को ट्रैक कर जब पुलिस पहुंची तो वहां एक सेप्टिक टैंक बना हुआ था. पुलिस ने उसे तोड़वाया तो उसमें पत्रकार मुकेश की लाश मिली. इस मामले में पुलिस ने आज 4 जनवरी की सुबह मुख्य आरोपी रितेश चंद्राकर को दिल्ली से गिरफ्तार किया. पुलिस ने इस मामले में बीती रात 3 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया था. रितेश समेत सभी 4 गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है.
उन्होंने आगे कहा कि इस हत्याकांड के पीछे कोई भी हो, उसे बख्सा नहीं जाएगा. सरकार उस पर जांच कर रही है. कांग्रेस ने समय रहते ही नक्सलियों को कुचल दिया होता, तो नक्सली नहीं पनप सकते थे. उन्होंने आगे कहा कि इस हत्याकांड के पीछे कोई भी हो, उसे बख्सा नहीं जाएगा.
बता दें, बस्तर संभाग नक्सल घटनाओं के लिए सबसे अधिक जाना जाता है. लेकिन झीरम हत्याकांड के बाद बस्तर से यह देश दूसरी बड़ी घटना है, जो नक्सलवाद से संबंधित ना होकर भी पूरे देश को हिला कर रख दिया है. निर्भय और निडर पत्रकारों को आय दिन धमकियां मिल रही हैं. इसकी शिकायत के बावजूद आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होती. वहीं अब एक स्वतंत्र पत्रकार की हत्या ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को हिलाकर रख दिया है.