न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने की अक्षरधाम मंदिर की यात्रा, प्रमुख स्वामी महाराज से की मुलाकात
न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने आज न्यूजर्सी के रॉबिंसविले में बने अक्षरधाम मंदिर में दर्शन किए। एडम्स ने मंदिर परिसर में लगभग 2 घंटे बिताए, महामंदिर का दौरा किया…
न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने आज न्यूजर्सी के रॉबिंसविले में बने अक्षरधाम मंदिर में दर्शन किए। एडम्स ने मंदिर परिसर में लगभग 2 घंटे बिताए, महामंदिर का दौरा किया और मंदिर के स्वयंसेवकों के साथ बातचीत की। अपने दौरे के बाद, उन्होंने पूज्य संतो और कार्यकर्ताओं के साथ भी समय बिताया। इस दौरान उन्होंने बीएपीएस स्वामीनारायण के इतिहास के बारे में भी बातचीत की।
चर्चा के बाद एरिक एडम्स फिर सभा में आए और उन्होंने रामायण और महात्मा गांधी के बारे में बात की। वह हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म के बहुत अच्छे जानकार हैं और उन्होंने अपनी युवावस्था में बौद्ध भिक्षुओं के साथ श्रीलंका, भूटान और नेपाल की यात्रा की थी।
तुलसी गबार्ड ने भी किए थे दर्शन
राष्ट्रीय खुफिया निदेशक नामित तुलसी गबार्ड के बाद, यह अक्षरधाम में किसी गेस्ट की दूसरी हाई-प्रोफाइल यात्रा है। संयुक्त राज्य अमेरिका के सबसे बड़े शहर और दुनिया के 10वें सबसे बड़े शहर के मेयर के रूप में एडम्स 9 मिलियन की आबादी का नेतृत्व करते हैं, जो लगभग न्यू जर्सी की पूरी आबादी के बराबर है।
अक्षरधाम मंदिर में अपने दौरा को लेकर तुलसी गबार्ड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट भी शेयर किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए तुलसी गबार्ड ने लिखा, ‘बीती रात अक्षरधाम मंदिर पहुंचकर मुझे बहुत अच्छा लगा।
क्या है यात्रा का उद्देश्य?
उनकी यात्रा, प्रमुख स्वामी महाराज, 12,500 स्वयंसेवकों और उनके प्रेरक महंत स्वामी महाराज के दृष्टिकोण की मान्यता के साथ, अक्षरधाम के संदेश को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं एरिक एडम्स ने मंदिर के अंदर बच्चों के साथ बास्केटबॉल भी खेला।
कब शुरू हुआ था मंदिर का निर्माण?
भगवान स्वामीनारायण को समर्पित मंदिर का निर्माण 2011 में शुरू हुआ
पिछले साल 2023 में खत्म हुआ।
इसे दुनिया भर के 12,500 स्वयंसेवकों द्वारा बनाया गया था।
मंदिर की कई प्रमुख अनूठी विशेषताओं में सबसे बड़ा गुंबद है।
पिछले साल 30 सितंबर को शुरू हुए नौ दिवसीय उत्सव के बाद रॉबिन्सविले, न्यू जर्सी में अक्षरधाम का भव्य समर्पण समारोह महंत स्वामी महाराज की उपस्थिति में आयोजित किया गया था।