साइबर फ्रॉड: 429 करोड़ रुपये की ठगी, फर्जी कंपनी के जरिए विदेश भेजते थे पैसे
रायपुर: पुलिस ने रायपुर और दिल्ली में अलग-अलग ठिकानों पर दबिश देकर साइबर ठगी का पैसा चीन और थाईलैंड भेजने वाले दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है। साइबर रेंज पुलिस…
रायपुर: पुलिस ने रायपुर और दिल्ली में अलग-अलग ठिकानों पर दबिश देकर साइबर ठगी का पैसा चीन और थाईलैंड भेजने वाले दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है। साइबर रेंज पुलिस ने उत्तम नगर दिल्ली निवासी संदीप रात्रा (41) और हीरापुर रायपुर निवासी राजवीर सिंह (22) को गिरफ्तार किया है। इससे पहले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इन्होंने आधार कार्ड में पता बदलकर अलग-अलग फर्म खोल ली थी। उसी के आधार पर बैंक खाते खुलवाए थे। आरोपियों के बैंक खातों की जानकारी मिलने के बाद ठगी की रकम बढ़कर 429 करोड़ हो गई है।
आरोपियों के पास से मामले से जुड़े दस्तावेजों के अलावा अन्य फर्जी कंपनियों के दस्तावेज, फॉरेक्स ट्रेडिंग बैंक अकाउंट, मोबाइल जब्त किया गया है। आरोपियों ने रुपए को डॉलर में बदलकर थाईलैंड और चीन भेजा था। पुलिस ने बताया कि टाटीबंद निवासी डॉ. पीके गुप्ता को शेयर मार्केट में निवेश का लालच देकर 10 लाख की ठगी की गई थी। उनके खाते से रुपए दिल्ली, यूपी और राजस्थान गए थे। वहां से वापस रायपुर की अलग-अलग कंपनियों में रुपए आए।
लालपुर में बनाई फर्जी कंपनी
प्रोग्रेसिव प्वाइंट लालपुर रायपुर में छापामार कार्रवाई की गई। आरोपियों ने आधार कार्ड में पता बदलकर दूसरी फर्जी कंपनी क्रोमा शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स बना ली थी। फॉरेक्स ट्रेडिंग से विदेश में पैसा भेजने के लिए इंडियन ओवरसीज बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक में कंपनी के नाम से बैंक खाते खोले गए थे।
आरोपियों ने भविष्य में इन बैंक खातों का इस्तेमाल साइबर अपराध से ठगी गई रकम को विदेश भेजने में किया। आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
डिजिटल गिरफ्तारी और ट्रेडिंग धोखाधड़ी
मुख्य आरोपी दिल्ली निवासी राजीव सिंघानिया की तलाश की जा रही है। गिरफ्तार दोनों आरोपी 10वीं-12वीं तक पढ़े हैं। वे खुद को सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताते थे। लालपुर के दो युवकों को ऑफिस बॉय के तौर पर रखा था। जिस गिरोह के लिए वे काम करते थे, उसका सरगना उन्हें 50-50 हजार रुपए सैलरी देता था। उन्हें अलग से कमीशन मिलता था। वे ऑफिस से विदेश में पैसा भेजने लगे।
आरोपियों के खिलाफ 10 राज्यों में दर्ज हैं मामले
पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों के ठिकानों से 41 से अधिक बैंक खातों की जानकारी मिली है। इनमें से 30 खाते उनकी फर्जी कंपनियों के नाम पर हैं। उनके दफ्तर से डेबिट कार्ड, चेक बुक, कंप्यूटर, लैपटॉप, डॉलर खरीद चालान, वन-टाइम पासकोड डिवाइस, यूपीआई स्कैनर और अलग-अलग पतों के आधार कार्ड जब्त किए गए हैं। आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत 10 राज्यों में मामले दर्ज हैं।