ट्रक और कार में जोरदार टक्कर, रायपुर से मैनपाट जा रहे पांच दोस्तों की मौत
अंबिकापुर: अंबिकापुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे 130 पर गुमगा गांव में रविवार सुबह ट्रक और कार में भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार चकनाचूर हो गई और उसमें सवार…
अंबिकापुर: अंबिकापुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे 130 पर गुमगा गांव में रविवार सुबह ट्रक और कार में भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार चकनाचूर हो गई और उसमें सवार चार युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे रायपुर रेफर किया गया है। कार में सवार सभी युवक दोस्त थे और रायपुर से मैनपाट जा रहे थे।
संजू साहू पुत्र गणेश राम साहू (28), राहुल पुत्र दाऊ लाल साहू (27), दुष्यंत पुत्र विनोद देवांगन (22 वर्ष), स्वप्निल हेमने पुत्र गोपीचंद हेमने (27) और डिगेश साहू निवासी न्यू चंगोराभाठा रायपुर कार में अपने परिजनों से यह कहकर निकले थे कि वे जगदलपुर जा रहे हैं, लेकिन अचानक उनका मैनपाट जाने का कार्यक्रम बन गया।
घने कोहरे के कारण हुआ हादसा
नई योजना के अनुसार वे मैनपाट के लिए निकले, लेकिन रास्ते में रविवार सुबह 5 बजे एनएच 130 पर गुमगा में सामने से आ रहे ट्रक से उनकी भिड़ंत हो गई। बताया जा रहा है कि घटना के दौरान कोहरा था। भीषण टक्कर के कारण कार का पूरा अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे चालक समेत अंदर बैठे सभी लोग बुरी तरह घायल होकर फंस गए। सूचना मिलने पर उदयपुर पुलिस मौके पर पहुंची और गैस कटर से काटकर सभी को बाहर निकाला गया।
इनमें डिकेश साहू को छोड़कर सभी की मौत हो गई। उसे गंभीर हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया। यहां आईसीयू में कुछ घंटे इलाज के बाद उसकी हालत में सुधार न होता देख उसे रायपुर रेफर कर दिया गया। इसके बाद उस युवक की भी मौत हो गई। घटना के बाद ट्रक का चालक फरार हो गया। पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है।
परिजनों के पहुंचने के बाद हुई शिनाख्त
दुर्घटना की सूचना मिलने पर युवकों के परिजन दोपहर में रायपुर से उदयपुर पहुंचे। यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उन्होंने सभी की पहचान की। शोकाकुल परिजनों ने बताया कि सभी दोस्त थे और मैनपाट घूमने गए थे। उनसे मिली जानकारी के अनुसार संजू एसएस फिटनेस जिम का संचालक था। राहुल कंप्यूटर पार्ट्स की दुकान और दुष्यंत ऑटोमोबाइल दुकान में काम करता था। स्वप्निल एक निजी कंपनी में काम करता था। शवों के पोस्टमार्टम के बाद परिजन उन्हें लेकर रायपुर लौट आए।