इंतजार खत्म… जल्द ही शहर की सड़कों पर दौड़ेंगी ई-बसें, आने वाली है नई खेप

बिलासपुर। अगले एक से दो महीनों में ई-बस सेवा का शुभारंभ होने जा रहा है। इस संबंध में कलेक्टर ने बिजली सब स्टेशन और चार्जिंग पॉइंट्स के निर्माण तथा सेवा…

इंतजार खत्म… जल्द ही शहर की सड़कों पर दौड़ेंगी ई-बसें, आने वाली है नई खेप

बिलासपुर। अगले एक से दो महीनों में ई-बस सेवा का शुभारंभ होने जा रहा है। इस संबंध में कलेक्टर ने बिजली सब स्टेशन और चार्जिंग पॉइंट्स के निर्माण तथा सेवा की शुरुआत में तेजी लाने के लिए निर्देश दिए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सिटी बस भी शीघ्र ही शहर में प्रवेश करेगी। ई-चार्जिंग पॉइंट्स और बसों के चार्जिंग के लिए 2500 किलोवॉट की विद्युत सब स्टेशन की स्थापना की जा रही है, जिसके लिए केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से फंड उपलब्ध कराया गया है। इस प्रक्रिया के तहत कोनी स्थित सिटी बस डिपो में आवश्यक परिवर्तन भी किए जा रहे हैं।

कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त अमित कुमार ने स्पष्ट किया है कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए और इसे तेज गति से पूरा किया जाना आवश्यक है, क्योंकि ई-बसें जल्द ही शहर में आने वाली हैं। इस संदर्भ में इन्हें सुरक्षित रखने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। यह स्पष्ट है कि शहरवासियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण सौगात जल्द ही उपलब्ध होने वाली है।

इलेक्ट्रिक बसों के कई लाभ

इलेक्ट्रिक बसों के आगमन से कई लाभ होंगे। इनका किराया पारंपरिक बसों की तुलना में कम होगा, जिससे यात्रियों के लिए यह एक आर्थिक विकल्प बनेगा। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक बसों में यात्रा करने से यात्रियों को एक स्वच्छ और प्रदूषण रहित वातावरण का अनुभव होगा। ये बसें कम शोर करती हैं, जिससे ध्वनि प्रदूषण में कमी आएगी। इसके चलते, इलेक्ट्रिक बसें सार्वजनिक परिवहन के लिए एक आकर्षक विकल्प बन जाएंगी। इसके साथ ही, इन बसों से कार्बन उत्सर्जन नहीं होगा, जिससे वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी।

मेंटेनेंस कॉस्ट होती है कम 

इलेक्ट्रिक बसों की एक विशेषता यह है कि इनमें अतिरिक्त पुर्जों की आवश्यकता नहीं होती। इस कारण, इनकी टेस्टिंग, इंजन फिल्टर में बदलाव, इंजन ऑयल में परिवर्तन, काइल और स्पार्क प्लग के बदलाव, और ट्रांसमिशन मेंटेनेंस की आवश्यकता नहीं होती।

पीएम ई बस योजना के अंतर्गत बसे आएंगी  

बिलासपुर में कुल 50 बसें संचालित की जाएंगी, लेकिन इन्हें एक साथ नहीं लाया जाएगा। बसों को विभिन्न चरणों में भेजा जाएगा, जिससे धीरे-धीरे 50 बसों की संख्या पूरी की जाएगी। बसों के आगमन और संचालन की तिथि निर्धारित होने के बाद ही उनके रूट का निर्धारण किया जाएगा। 

हालांकि, पहले जिन रूटों पर सिटी बसें चलती थीं, उन्हीं रूटों पर इन बसों का संचालन किया जाएगा, साथ ही कुछ नए रूट भी इस योजना में जोड़े जाएंगे।