हरियाणा के हिसार में खूनी भिड़ंत, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले, भांजीं लाठियां तो किसानों ने बरसाए पत्थर: अफसर लहुलूहान…
MSP गारंटी की मांग पर पंजाब-हरियाणा के किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच, शुक्रवार को हरियाणा के हिसार में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हालात बेकाबू हो गए। दरअसल,…
MSP गारंटी की मांग पर पंजाब-हरियाणा के किसानों का आंदोलन जारी है।
इस बीच, शुक्रवार को हरियाणा के हिसार में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हालात बेकाबू हो गए। दरअसल, हजारों किसान खनौरी बॉर्डर की ओर मार्च करने के लिए शुक्रवार को हिसार के खेड़ी चोपटा पर इकट्ठा हुए थे, जिसे पुलिसकर्मियों ने तितर-बितर करने के लिए उन पर लाठी चार्ज किया।
इससे गुस्साए किसानों ने पुलिस कर्मियों पर पत्थर चलाने शुरू कर दिए। हालात बेकाबू होता देख पुलिस कर्मियों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
इस हिंसा में कुछ किसानों को चोट पहुंची है, जबकि एक पुलिस अधिकारी घायल हो गए हैं। स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने वहां अतिरिक्त बलों की तैनाती की है।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि किसान यूनियन और खाप पंचायतों ने किसानों से खेड़ी चोपटा पर इकट्ठा होने को कहा था। ये किसान वहां से पंजाब सीमा पर खनौरी तक मार्च करना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। इससे किसान भड़क गए।
किसानों और पुलिस के बीच हुई भिड़ंत के वीडियो फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि पुलिस उपद्रव फैलाने के एक आरोपी शख्स को हिरासत में लेकर आगे बढ़ रही है तो किसानों ने पुलिसकर्मियों को घेर लिया है।
बता दें कि पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में हरियाणा के किसान पिछले पांच दिनों से खेड़ी चोपटा पर धरने पर बैठे थे।
वे दोनों राज्यों की सीमा पर विरोध कर रहे किसानों के विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने के लिए मार्च करने की योजना बना रहे थे। पुलिस ने इलाके में विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए सैकड़ों लोगों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें भी कीं।
इस बीच, सीमा पर खनौरी में ‘दिल्ली चलो’ मार्च में हिस्सा ले रहे एक 62 वर्षीय किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। मृतक की पहचान बठिंडा जिले के अमरगढ़ गांव के मूल निवासी दर्शन सिंह के रूप में हुई।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) एमएसपी पर कानून सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के शंभू और खनौरी सीमा पर किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।