कनकदास जयंती आज, जानिए कौन थे कनकदास और क्या है इस दिन को मनाने का महत्व
Kanakadasa Jayanthi 2024: कनकदास जयंती कुरुबा गौड़ा समुदाय के लिए कर्नाटक के सबसे महत्वपूर्ण पर्व में से एक है. इसे प्रसिद्ध कवि कनकदास की जयंती के रूप में मनाया जाता…
Kanakadasa Jayanthi 2024: कनकदास जयंती कुरुबा गौड़ा समुदाय के लिए कर्नाटक के सबसे महत्वपूर्ण पर्व में से एक है. इसे प्रसिद्ध कवि कनकदास की जयंती के रूप में मनाया जाता है. हर साल कनकदास जयंती कार्तिक माह के 18वें दिन को मनाया जाता है. कनकदास जयंती का कर्नाटक शहर में बहुत महत्व है. इस पर्व को पूरे शहर में अपार श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. आइए जानते हैं कनकदास कौन थे और इस दिन को मनाने का महत्व क्या है.
कनकदास कौन थे
कनकदास एक फेमस कवि, दार्शनिक और समाज सुधारक थे. वे भक्ति गीतों की रचना करने के लिए भी जाने जाते हैं. कनकदास का जन्म 03 दिसंबर, 1509 को ‘थिम्मप्पा नायक’ के रूप में हुआ था. उन्होंने ‘कीर्तन’ और ‘उगभोग’ जैसे महाकाव्य लिखे हैं. दार्शनिक और समाज सुधारक ‘कनकदास’ जयंती प्रसिद्ध ‘कनकदास की जयंती’ के रूप में मनाई जाती है. यह त्यौहार हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने के 18वें दिन मनाया जाता है. इस साल कनकदास की जयंती 18 नवंबर 2024 यानी की आज मनाया जा रहा है.
कनकदास जयंती का महत्व
कनकदास की जयंती संत और संगीतकार कनकदास की जयंती सम्मानपूर्वक मनाई जाती है. महान कवि को श्रद्धांजलि देने के लिए इस दिन कर्नाटक में क्षेत्रीय सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है. कर्नाटक संगीत और कीर्तन में स्थानीय भाषा के प्रयोग ने उन्हें प्रमुखता दी.
कनकदास की जयंती पर कई लोग उनके कार्यों और उन्हें एक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में मनाने के लिए इकट्ठा होते हैं. इस दिन को मनाने के लिए कालेज, स्कूलों और विश्वविद्यालयों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.