रंजी ट्रॉफी: चेतेश्वर पुजारा ने ठोका शतक, ब्रायन लारा को किया पीछे
भारतीय टेस्ट टीम से बाहर चल रहे दाएं हाथ के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने वापसी की कोशिशें नहीं छोड़ी हैं। वह लगातार रन बरसाते जा रहे हैं और सेलेक्टर्स का…
भारतीय टेस्ट टीम से बाहर चल रहे दाएं हाथ के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने वापसी की कोशिशें नहीं छोड़ी हैं। वह लगातार रन बरसाते जा रहे हैं और सेलेक्टर्स का ध्यान खींच रहे हैं। पुजारा ने सोमवार को रणजी ट्रॉफी में एक और शतक जड़ दिया। निरंजन शाह स्टेडियम में छत्तीसगढ़ के खिलाफ खेलते हुए पुजारा ने ये शतक जमाया और अपनी टीम सौराष्ट्र को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।
पुजारा ने मैच के चौथे दिन की शुरुआत 75 रनों के साथ की थी। अपनी टिकाऊ बल्लेबाजी के लिए जाने जाने वाले पुजारा को शतक पूरा करने में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। उन्होंने शतक पूरा करने के बाद एक दिग्गज बल्लेबाज को पीछे कर दिया है।
लारा को छोड़ा पीछे
इस शतक के साथ ही पुजारा ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अपने सैकड़ों की संख्या 66 कर ली है और वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा को पीछे कर दिया है। ब्रायन लारा ने फर्स्ट क्लास में कुल 65 शतक जमाए हैं। पुजारा ने फर्स्ट क्लास में अपने 21,000 रन भी पूरे कर लिए हैं। वह लगातार रन बना रहे हैं और छत्तीसगढ़ द्वारा बनाए गए विशाल स्कोर से आगे अपनी टीम को ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ ने पहली पारी सात विकेट के नुकसान पर 578 रनों पर घोषित कर दी थी। उसके लिए कप्तान अमनदीप खरे ने नाबाद 203 रन बनाए। संजीत देसाई ने 146 रनों का योगदान दिया। आयुष पांडे ने 52 रन बनाए।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मिलेगा मौका
भारत ने पिछले दो ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज में जीत हासिल की और दोनों बार पुजारा की बल्लेबाजी टीम के काम आई। साल के अंत में एक बार फिर भारत को ऑस्ट्रेलिया में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है जो उसके लिए काफी अहम है। इस सीरीज पर भारत का डब्ल्यूटीसी फाइनल खेलना का सपना टिका है। ऐसे में टीम के मध्य क्रम को मजबूत करने के लिए पुजारा का अनुभव काम आ सकता है।
वह अच्छे फॉर्म में भी हैं। टीम को उनकी जरूरत भी है क्योंकि नंबर-3 पर पुजारा का रिप्लेसमेंट भारत को अभी तक नहीं मिला है। शुभमन गिल ने कुछ अच्छी पारियां खेली हैं लेकिन पुजारा का अनुभव ऑस्ट्रेलिया में भारत के काम आ सकता है। देखना होगा कि कप्तान रोहित शर्मा और कोच गौतम गंभीर उनको मौका देते हैं या बाहर ही रखते हैं।