छत्तीसगढ़-सारंगढ़ में कलश यात्रा में अचानक मधुमक्खियों का हमला, भगदड़ में तालाब में कूदकर बचाई जान
सारंगढ़. छत्तीसगढ़ के नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में आज दोपहर उस वक्त अफरा-तफरी की स्थिति बन गई जब नवरात्रि के अवसर पर निकली कलश यात्रा पर मधुमक्खियों ने अचानक हमला कर…
सारंगढ़.
छत्तीसगढ़ के नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में आज दोपहर उस वक्त अफरा-तफरी की स्थिति बन गई जब नवरात्रि के अवसर पर निकली कलश यात्रा पर मधुमक्खियों ने अचानक हमला कर दिया। इस दौरान जान बचाने को लोग इधर-उधर भागते नजर आये। मिली जानकारी के अनुसार, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के सरिया ब्लॉक में हर साल की भांति इस साल भी नवोदय दुर्गा उत्सव समिति के द्वारा दुर्गा पूजन का आयोजन किया गया है।
इस दौरान आज समिति के सदस्यों के द्वारा कलश यात्रा का आयोजन किया गया था, जिसमें क्षेत्र की तकरीबन 12 सौ से अधिक महिलाओं, बच्चों के अलावा पुरूष व बच्चे शामिल थे। यह कलश यात्रा दोपहर करीब 12 बजे के आसपास गाजे-बाजे के साथ पानी लेने सरिया से कुछ ही दूरी पर स्थित पहाड़ तालाब पहुंची।
तालाब में पानी भरते समय हुआ हमला
बताया जा रहा है कि उत्सव समिति के द्वारा दुर्गा पूजन में शामिल महिलाएं व युवतियां कलश में पानी भर रहीं थी। तभी कुछ बच्चे दौड़ते हुए और उनके पीछे-पीछे मधुमक्खियों भी भारी संख्या में तालाब के पास पहुंच गई। इस बीच अचानक मधुमक्खियों का हमला होनें से मौके पर मौके पर अफरा-तफरी की स्थिति निर्मित हो गई जिसे जो जगह मिला वह अपनी जान बचाने वहां भागने लगा।
कुछ लोग जान बचाने को तालाब में कूदे
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि कलश यात्रा में पानी भरने के समय अचानक हुए मधुमक्खियों के हमले से कई लोगों ने जहां जान बचाने मंदिरों में शरण ली तो वहीं कुछ लोगों ने तालाब में कूदकर काफी समय तक पानी में डूबकर अपनी जान बचाई। मधुमक्खियों के जाने के बाद ही वे फिर से बाहर निकले और फिर राहत की सांस ली।
25 से अधिक लोग हुए घायल
गांव के एक युवक ने बताया कि मधुमक्खियों के हमले से तकरीबन 25 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें बाजा बजाने लोगों के अलावा सामने की तरफ जो लोग थे उन्हें ही मधुमक्खियों ने काटा है जिन्हें प्राथमिक उपचार के लिये अस्पताल में ले जाया गया था, जहां प्रारंभिक उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया गया है।
हो सकती है शरारती तत्वों की हरकत
बताया जा रहा है कि सरिया के पहाड़ तालाब से आज दोपहर कलश में जल भरते समय समिति के सदस्यों के द्वारा किसी तरह की आतिशबाजी नहीं की जा रही थी। इसके बावजूद मधुमक्खियों ने उन पर हमला कर दिया है, जिससे आशंका जताई जा रही है कि किसी अज्ञात शरारती तत्वों के द्वारा मधुमक्खियों के छत्ते से छेड़खानी किये जाने की वजह से यह घटना हुई है।