बांग्लादेशी अंतरिम सरकार के मुखिया से मिला जॉर्ज सोरोस का बेटा, बोला- वह मेरे पिता के ‘पुराने मित्र’…
अमेरिका के अरबपति व्यापारी जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्स सोरोस ने बुधवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की। बैठक के बाद सोशल मीडिया पर…
अमेरिका के अरबपति व्यापारी जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्स सोरोस ने बुधवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की।
बैठक के बाद सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों में एलेक्स सोरोस ने यूनुस को अपने पिता का पुराना मित्र बताया।
इसके साथ ही एलेक्स ने यूनुस को बांग्लादेश को समानता और निष्पक्षता पर आधारित भविष्य के लिए मार्गदर्शन देने के लिए उनकी तारीफ भी की।
इंस्टाग्राम पर तस्वीरें साझा करते हुए एलेक्स ने लिखा कि मेरे पिता और फाउंडेशन के पुराने मित्र, नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार से मिलकर खुशी हुई।
वह बांग्लादेश को समानता के आधार पर शांति पूर्ण भविष्य की ओर ले जाने का काम कर रहे हैं।
दरअसल, एलेक्स सोरोस के पिता जॉर्ज सोरोस की छवि एक कट्टर लेफ्ट के नेता और व्यापारी के रूप में है। उनके फाउंडेशन के ऊपर कई बार अलग-अलग देशों की सरकारों ने तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए उनके फाउंडेशन को अपने देशों से बैन भी कर दिया है।
जॉर्ज सोरोस भारत की मौजूदा सरकार के खिलाफ भी लगातार जहर उगलते रहे हैं। उनको भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धुर विरोधी माना जाता है।
वह दुनिया को अपने हिसाब से चलाने की कोशिश करने वाले व्यापारियों में से माने जाते हैं। सोरोस के ऊपर लगातार यह आरोप लगते हैं कि वह लोकतांत्रिक देशों के चुनावों में जमकर पैसा खर्च करते और जीतने के बाद देश को अपने हिसाब से चलाने की कोशिश करते हैं।
एलेक्स सोरोस की मुहम्मद यूनुस के साथ यह मुलाकात शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद हो रही है। आवामी लीग की नेता शेख हसीना डेढ़ दशक से ज्यादा समय से बांग्लादेश की सत्ता संभाले हुए थीं। जुलाई और अगस्त के महीने में हुए छात्र आंदोलन ने शेख हसीना को बांग्लादेश की सत्ता छोड़कर भागने के लिए मजबूर कर दिया।
शेख हसीना के सत्ता छोड़ने के बाद सेना ने बागड़ोर अपने हाथों में ले ली लेकिन जल्दी ही छात्रों के दबाव में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया।
इस तख्तापलट के पहले ही बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बिना नाम लिए अमेरिका के ऊपर आरोप लगाए थे कि एक बड़े देश ने हमें कहा है कि अगर हम उनकी बात मानकर अपने दो द्वीप उन्हें सौंप देते हैं तो वह हमारी सरकार को चलने देंगे लेकिन अगर हम ऐसा नहीं करने देते तो वह देश में अराजकता फैला कर सरकार गिरा देंगे। हसीना के इस बयान के कुछ समय बाद ही छात्र आंदोलन शुरू हो गया और हसीना की सत्ता चली गई।
हालांकि यूएस की तरफ से इन आरोपों को निराधार और हंसने योग्य बताया गया। हाल ही में यूएस यात्रा पर गए मुहम्मद यूनुस ने यूएन महासभा को संबोधित करते हुए छात्र आंदोलन और शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने की बात की।
उन्होंने शेख हसीना के शासन को अलोकतांत्रिक और तानाशाही पूर्ण बताया।
यूनुस ने उम्मीद जताई की जल्दी ही हम बांग्लादेश में चुनाव करवाएंगे और लोकतंत्र को वापस लेकर आएंगे।
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