मौसम का बदलता मिजाज: मरुधरा में बादल बरस रहे और जहां गंगा है वहां बारिश ही नहीं
पटना। मरुस्थल कहे जाने वाले राजस्थान में इस बार बारिश ने बीते 49 बरसों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। प्रदेश में अब तक सामान्य से करीब 62 फीसदी ज्यादा बारिश…
पटना। मरुस्थल कहे जाने वाले राजस्थान में इस बार बारिश ने बीते 49 बरसों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। प्रदेश में अब तक सामान्य से करीब 62 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। प्रदेश का कोई भी जिला इस बार सूखा नहीं रहा। वहीं जिस बिहार से होकर गंगा नदी गुजरती है, वहां इस बार सामान्य से करीब 32 फीसदी कम बारिश हुई है। मौसम वैज्ञानिक एसके पटेल के अनुसार इस साल बिहार में सामान्य से 25 फीसदी बारिश की कमी बनी हुई है।
बिहार समेत अलग-अलग राज्यों में हाल के कुछ सालों में मौसम में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। कुछ राज्यों में जहां काफी कम बारिश हो रही है, वहीं कुछ प्रदेशों में सामान्य से अधिक वर्षा हो जा रही है। कुछ सालों के आंकड़ों पर नजर डाले तो गर्मी का रिकॉर्ड भी टूट रहा है। इसके अलावा में ठंड भी सामान्य महीनों में न होकर कुछ दिनों में ही बहुत अधिक जो जाती है। देशभर में इस बदलते मौसम के बीच राजस्थान से भी हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है। गंगा नदी बिहार के कई जिलों से होकर गुजरती है। लेकिन, फिर भी इस बार बिहार में अब तक सामान्य से कम बारिश हुई है। बिहार में अब तक 451.7 मिलीमीटर वर्षा होनी चाहिए थी, लेकिन ये 31 प्रतिशत कम यानी 311.9 मिमी ही हुई। मौसम विभाग के अनुसार बिहार में अगस्त तक सामान्य बारिश 545.1 मिमी होनी थी। लेकिन, अब तक सिर्फ 373.2 मिमी बारिश हुई है। यह मानसून में अब तक के औसत बारिश की तुलना में 32 फीसदी कम है। यानी बिहार में बारिश औसत से करीब 172 मिमी कम हुई है। बता दें, मानसून सीजन में जून से सितम्बर के बीच बिहार में 992.2 मिमी बारिश को सामान्य माना जाता है। लेकिन, इस बार यह आंकड़ा कम है।
मरुधरा राजस्थान में इस बार अब तक 664 एमएम से ज्यादा बारिश हो चुकी है जो कि सामान्य से 61 प्रतिशत ज्यादा है। इससे पहले साल 1975 में मानसून सीजन में 665 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई थी। मौसम विभाग जयपुर केन्द्र के निदेशक राधेश्याम शमां ने बताया कि इस साल करीब 49 साल का बारिश का रिकॉर्ड टूटा है और बारिश का सीजन अभी भी जारी है। सामान्य से 61 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। पूर्वी राजस्थान के अधिकतर जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ के हालात बने हुए हैं। वायुमंडल में आद्रता की मात्रा 60 से 80 फीसदी तक है। इस कारण मौसम उमस भरी बनी हुई है। एक चक्रवातीय परिसंचरण समुन्द्र तल से 7.6 किमी उपर बंगाल की खाड़ी में बांग्लादेश के तटीय प्रदेश के आस पास बनी हुई है। यह धीरे धीरे आगे की ओर बढ़ रही है। इस वजह से बंगाल की खाड़ी के तटीय प्रदेशों में निम्न दवाब का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके प्रभाव से मौसम में बड़ा बदलाव होने की संभावना है। 16 सितंबर तक बिहार के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है।