गोविंदा की कॉमेडी का जादू, 2003 में अचानक क्यों किया कॉमेडी से किनारा?

गुजरे जमाने में गोविंदा ही वो एक्टर थे, जिन्होंने पर्दे पर जमकर कॉमेडी की, दर्शकों को खूब हंसाया और उनकी तमाम फिल्में ब्लॉकबस्टर रहीं तो ये कहना गलत नहीं होगा।…

गोविंदा की कॉमेडी का जादू, 2003 में अचानक क्यों किया कॉमेडी से किनारा?

गुजरे जमाने में गोविंदा ही वो एक्टर थे, जिन्होंने पर्दे पर जमकर कॉमेडी की, दर्शकों को खूब हंसाया और उनकी तमाम फिल्में ब्लॉकबस्टर रहीं तो ये कहना गलत नहीं होगा। उनकी कॉमिक टाइमिंग और उनके डांस स्टेप आज भी हिट हैं। लेकिन 2003 में एक्टर ने तब फैंस को निराश कर दिया था, जब उन्होंने कहा था कि वो कॉमेडी जॉनर से अपने कदम पीछे खींच रहे हैं! उन्होंने ये भी बताया था कि अब उनकी कॉमेडी फिल्मों को 'बी ग्रेड मूवीज' और 'टाइम पास एंटरटेनमेंट' कहा जा रहा है। एक पुराने इंटरव्यू में उस स्टाइल से ब्रेक लेने का अपना फैसला सुनाया था, जिस स्टाइल ने उन्हें स्टार बनाया था। इसके बाद उन्होंने फिल्मों में सीरियस रोल निभाने की बात कही। एक्टर ने इस बात पर भी निराशा जताई कि उनकी बेहतरीन फिल्मों को अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट तो किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड नहीं मिलता।

कॉमेडी फिल्मों को बी-ग्रेड के रूप में क्यों देखा गया?
अपनी कॉमेडी फिल्मों के बारे में बात करते हुए गोविंदा ने कहा था, 'मेरी फिल्मों को हमेशा बी-ग्रेड फिल्मों की तरह टाइम पास एंटरटेनमेंट माना जाता रहा है। उन्हें कभी भी अच्छी फिल्में नहीं कहा गया। उन्हें कभी भी सराहा नहीं गया, भले ही मैंने अच्छा परफॉर्म किया हो। मुझे हमेशा बेस्ट एक्टर कैटेगरी में अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया जाता था, लेकिन कभी जीत नहीं पाता था। फिर वो कैटेगरी भी बदल गई। मैंने हालातों से लड़ने की कोशिश की, लेकिन फिर मैंने सोचा, क्यों लड़ना? इसलिए मैंने बदलाव करने का फैसला किया।'

अब से कॉमेडी रोल नहीं करेंगे
गोविंदा ने ये भी कहा था कि अब वो कॉमेडी रोल नहीं करेंगे। उन्होंने बोला, 'मैं अब से कॉमेडी फिल्में नहीं करूंगा। लेकिन अगर मैं करता हूं, तो स्क्रिप्ट फ्रेश और नई होनी चाहिए। मुझे एक ही तरह की राइटिंग पसंद नहीं है। मेरी पिछली फिल्म 'एक और एक ग्यारह' तक मेरा ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा रहा है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं अपने करियर में ज्यादा सफल रहा हूं या कम। मायने यह रखता है कि मुझे सफलता मिली है। अब मुझे अपना नाम खराब नहीं करना चाहिए। यह बाहर निकलने का सही समय है।'

गंभीर रोल्स से कॉमेडी तक
गोविंदा ने ये भी कहा था कि वो अच्छा सिनेमा करना चाहते हैं। एक अच्छा डायरेक्टर और क्वालिटी वाली राइटिंग होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'लेकिन मेरे पास ऐसा कोई ड्रीम रोल नहीं है। अगर मेरे दिमाग में कुछ खास होता तो मैं दूसरों को अपनी बेस्ट क्वालिटीज सामने लाने का मौका नहीं दे पाता।' गोविंदा ने ये भी माना कि गंभीर रोल करके थकने के बाद उन्होंने कॉमेडी का रुख किया। किस्मत ने उनका साथ दिया और उनकी कॉमेडी फिल्में हिट रहीं, जिसके कारण वो लगातार इसी तरह का रोल करते रहे।

गोविंदा की कॉमेडी फिल्मों की यात्रा
मालूम हो कि कॉमेडी से दूर रहने की कसम खाने के बावजूद गोविंदा कॉमेडी फिल्मों में नजर आते रहे। 2003 में जब ये इंटरव्यू आया था, तब उन्होंने 'राजा भैया' और 'एक और एक ग्यारह' में एक्टिंग की थी। 2004 में वो 'खुल्लम खुल्ला प्यार करें' और 'सुख' जैसी कॉमेडी मूवीज में नजर आए। इसके बाद 2006 में 'भागम भाग' और 2007 में 'पार्टनर' जैसी हिट फिल्म में काम किया। उनकी आखिरी कॉमेडी मूवी 'रंगीला राजा' थी, जो साल 2019 में रिलीज हुई थी।