हम तय करेंगे कहां और कैसे बदला लेंगे, अमेरिका ने ईरान पर हमलों को दी मंजूरी; कई दिन जंग की तैयारी…

इजरायल और हमास के बीच छिड़ा युद्ध अब पूरे पश्चिम एशिया को चपेट में ले रहा है। पिछले दिनों जॉर्डन में एक अटैक हुआ था, जिसमें तीन अमेरिकी सैनिक मारे…

हम तय करेंगे कहां और कैसे बदला लेंगे, अमेरिका ने ईरान पर हमलों को दी मंजूरी; कई दिन जंग की तैयारी…

इजरायल और हमास के बीच छिड़ा युद्ध अब पूरे पश्चिम एशिया को चपेट में ले रहा है।

पिछले दिनों जॉर्डन में एक अटैक हुआ था, जिसमें तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। माना जा रहा है कि इसमें ईरान का हाथ था।

अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी एक प्लान को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत सीरिया और इराक में ईरानी ठिकानों पर हमले किए जाएंगे।

सीबीएस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की ओर से ये हमले अगले कुछ दिनों में होंगे और कई दिनों तक चलेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक सीरिया की सीमा पर जॉर्डन में हुए ड्रोन अटैक में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। 

इसके बाद से ही जो बाइडेन प्रशासन पर दबाव बना हुआ था कि वह ऐक्शन ले। अमेरिका ने आरोप भी लगाया था कि उसके तीन सैनिकों को मारने में ईरान समर्थित उग्रवादी समूह का हाथ है।

अमेरिका का कहना है कि इराक में इस्लामिक रेस्सिटेंस नाम का संगठन सक्रिय है, जिसने कई उग्रवादी समूह बना रखे हैं। इन सभी को ईरान की ओर से ट्रेनिंग और फंडिंग दी जाती है।

हालांकि ईरान ने अमेरिका के आरोपों को खारिज किया है। इस हमले में अमेरिका के 41 जवान जख्मी भी हुए थे। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि जिस ड्रोन से हमला हुआ था, वह बना भी ईरान में ही था। 

अमेरिका का कहना है कि यह ड्रोन वैसा ही जैसे ड्रोन्स को ईरान ने रूस को दिया है। रूस उनका इस्तेमाल यूक्रेन से युद्ध में कर रहा है।

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि हम तय करेंगे कि हमें कहां हमला करना है, कब करना है और किस ठिकाने पर करना है। उन्होंने कहा कि दुनिया यह जानती है कि अमेरिका जवाबदेह लोगों से निपटने में सक्षम है।

यही नहीं उन्होंने कहा कि हम कैसे जवाब देंगे, इसका कोई सेट फॉर्मूला नहीं है। 

अमेरिकी सूत्रों का कहना है कि ये हमले तब किए जाएंगे, जब मौसम थोड़ा खराब हो। ऐसी स्थिति में दुश्मन को जवाब देने का मौका कम मिलेगा।

हालांकि यह भी ध्यान रखना होगा कि मौसम इतना भी खराब न हो कि वह उलटा ही नुकसान कर जाए। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से जो बाइडेन गहरे दबाव में हैं। उनसे ईरान पर ऐक्शन लेने की मांग की जा रही है।